Bihar Land Registry: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, इन जमीनों की खरीद-बिक्री पर लगाया रोक, जानिए क्या है पूरी खबर
Bihar Land Registry: सीएम सरकार ने अहम फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में सरकारी जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। सरकार ने भू-माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए यह फैसला लिया है।
Bihar Land Registry: बिहार की सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है। नीतीश सरकार ने यह अहम फैसला लिया है। माना जा रहा है कि भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए यह फैसला लिया गया है। जानकारी अनुसार सरकार ने सरकारी जमीन के अवैध निजी हस्तांतरण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इसके साथ ही सरकार ने 5 सख्त निर्देश भी दिया है। जिसे हर हाल में मानना होगा।
सरकारी जमीन की खरीद-ब्रिकी पर लगी रोक
जानकारी अनुसार मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और अंचल अधिकारियों को पत्र जारी कर सरकारी भूमि की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही भू-माफिया और इसमें संलिप्त भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी सरकारी सेवक की संलिप्तता अवैध भूमि हस्तांतरण में पाई जाती है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पदाधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें सरकारी भूमि का निजी व्यक्तियों के पक्ष में अवैध दाखिल-खरिज और जमाबंदी सृजित कर क्षेत्रीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से भूमि का हस्तांतरण किया गया है। इसे पूरी तरह अनियमित और अनैतिक बताया गया है। पत्र में यह भी लिखा गया है कि सुयोग्य श्रेणी के वासभूमिहीन परिवारों और व्यक्तियों को आवंटित सरकारी भूमि जैसे गैर मजरूआ खास, गैर मजरूआ आम, सिलिंग की अधिशेष भूमि तथा बिहार विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति वासभूमि अभिघृति अधिनियम, 1947 के तहत आवंटित जमीन की भी अवैध खरीद-बिक्री और निजी हस्तांतरण के मामले सामने आए हैं।
अवैध हस्तांतरण के खिलाफ कार्रवाई
दरअसल, हाल के दिनों में सरकारी भूमि के अवैध हस्तांतरण से जुड़े मामलों की समीक्षा की गई थी। इसके बाद सरकार ने निर्णय लिया कि ऐसे सभी मामलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने पांच अहम निर्देश भी दिए हैं। जिसमें किसी भी प्रकार की सरकारी भूमि का हस्तांतरण या आवंटन बिना राज्य सरकार की अनुमति के किसी संस्थान या व्यक्ति को नहीं किया जाएगा। मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति के बाद ही सरकारी भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
मुख्य सचिव के निर्देश
राजस्व पदाधिकारियों के स्तर पर लंबित या विचाराधीन मामलों में अब एक स्तर ऊपर के क्षेत्रीय पदाधिकारी, जिलाधिकारी या प्रमंडलीय आयुक्त की मंजूरी अनिवार्य होगी। उच्चतम न्यायालय के निर्णय-आदेश तथा पटना उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में निर्गत न्यायादेशों पर यह प्रक्रिया लागू नहीं होगी। और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लैंड बैंक सृजन के निर्णय के तहत सभी जिलाधिकारी जिला स्तर पर लैंड बैंक पोर्टल का निर्माण करेंगे, ताकि भूमि की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित हो सके शामिल है। नीतीश सरकार का यह फैसला भू-माफियाओं पर नकेल कसने के लिए किया गया है।