Nitish Kumar: नीतीश की नई सियासी इबारत, एनडीए का पावर बैलेंस तय, 17 बीजेपी , 15 जेडीयू और सियासी वारिसों की एंट्री!

Nitish Kumar:बिहार की सियासत के मैदान में आज का दिन बेहद अहम है। कुछ ही देर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी नई एनडीए सरकार के साथ शपथ लेने जा रहे हैं।

नीतीश की नई सियासी इबारत- फोटो : social Media

Nitish Kumar:बिहार की सियासत के मैदान में आज का दिन बेहद अहम है। कुछ ही देर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी नई एनडीए सरकार के साथ शपथ लेने जा रहे हैं। सत्ता के इस नए दौर में न सिर्फ़ समीकरण बदले हैं, बल्कि कैबिनेट की तस्वीर भी नए-पुराने चेहरों की संगत में उभरती दिख रही है। सत्ता गलियारों से छनकर आ रही खबरें बता रही हैं कि इस बार बीजेपी का दायरा सबसे बड़ा होगा स्पीकर के अलावा 17 मंत्री उसके खाते में जाएंगे। वहीं जेडीयू के हिस्से 15 मंत्रियों की जिम्मेदारी तय मानी जा रही है।

घटक दलों में एलजेपी (आर) को 2, जबकि हम  और राष्ट्रीय लोक मोर्चा  को 1-1 मंत्री का हिस्सा मिलेगा। सत्ता के तराज़ू का यह संतुलन साफ़ इशारा कर रहा है कि एनडीए में इस बार नंबरों को लेकर बारीक गणित बैठाया गया है।

शपथ मंच पर नीतीश कुमार के साथ दो और चेहरे चमकेंगे,सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, जो बीजेपी कोटे से उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही भाजपा की ओर से कई बड़े नाम मंत्रियों की संभावित सूची में शामिल हैं—दिलीप जयसवाल, श्रेयसी सिंह, राम निषाद, सुरेंद्र मेहता, मंगल पांडे, नितिन नवीन, नारायण शाह, राम कृपाल और संजय टाइगर जैसे पुराने और नए सियासी चेहरों की चर्चा तेज़ है।

जेडीयू की तरफ़ से नीतीश कुमार इस बार पुराने भरोसेमंद चेहरों को ही तवज्जो देते दिख रहे हैं। संभावित मंत्रियों में विजय चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, मदन सहनी, जयंत राज और सुनील कुमार के नाम लगातार गूंज रहे हैं। यह साफ़ इशारा है कि जेडीयू अपनी टीम में स्थिरता और तजुर्बे को ही प्राथमिकता देगी।

एलजेपी (राम विलास) के कोटे में भी दिलचस्प मुकाबला है। संजय पासवान, राजू तिवारी और डेहरी के राजीव रंजन सिंह इस दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उधर जीतन राम मांझी की पार्टी हम (HAM) में फिर से उन्हीं के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है जो पिछली सरकार में भी मंत्री थे।

इसी तरह उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM से उनके बेटे दीपक प्रकाश का नाम लगभग तय माना जा रहा है। यानी इस बार कैबिनेट में सियासी वारिसों की एंट्री भी साफ दिखाई दे रही है।

बिहार की सत्ता में आज फिर एक नया अध्याय लिखा जाने वाला है।