Bihar Politics: ना MLC ना MLA फिर भी नीतीश कैबिनेट में बन गए मंत्री, जानिए कौन हैं दीपक प्रकाश, जिनको सबसे कम उम्र में मिली बड़ी जिम्मेदारी
Bihar Politics: ना MLC ना MLA फिर भी नीतीश कैबिनेट में दीपक प्रकाश मंत्री बन गए। दीपक प्रकाश उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं। उनकी माँ स्नेहलता कुशवाहा इस बार पहली बार चुनाव लड़ी और जीती भी हैं...
Bihar Politics: राष्ट्रीय लोक मोर्चा दल के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के बेटे ने मंत्री पद की शपथ ली। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो ने बिहार विधानसभा में 5 सीटों पर चुनाव लड़ा। जिसमें से उन्होंने 4 सीटों पर जीत हालिस की। जिसमें से एक उनकी पत्नी स्नेहलाता थी। उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलाता ने काराकाट से पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव लड़ी और उन्होंने जीत भी हासिल की। वहीं अब उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को सीएम नीतीश ने अपनी मंत्रिमंडल में जगह दे दी है।
नीतीश कैबिनेट में पाई जगह
दरअसल, आज नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली। सीएम नीतीश के साथ 26 मंत्रियों ने भी शपथ लिया। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री बनें। वही जदयू के विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, विजेंद्र यादव, श्रवण कुमार और भाजपा के मंगल पांडेय तथा दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद की शपथ ली। इनके बाद लेसी सिंह, मदन सहनी, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संतोष सुमन और सुनील कुमार ने शपथ ली. बाद में जमा खान, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेन्द्र मेहता, रमा निषाद, नारायण प्रसाद ने शपथ ली. सबसे अंत में लखेंद्र पासवान, श्रेयसी सिंह, प्रमोद कुमार, संजय पासवान, संजय सिंह और दीपक प्रकाश ने शपथ ली।
कौन हैं दीपक प्रकाश
बिहार सरकार में मंत्री बने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता दीपक प्रकाश राजनीति में अपेक्षाकृत नए चेहरे होने के बावजूद तेज़ी से उभरते हुए नेता माने जाते हैं। 22 अक्टूबर 1989 को जन्मे दीपक प्रकाश की शिक्षा और करियर दोनों ही मजबूत पेशेवर आधार पर खड़े हैं। पटना से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने 2005 में आईसीएसई बोर्ड से 10वीं और 2007 में सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने मणिपाल के प्रतिष्ठित एमआईटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री वर्ष 2011 में हासिल की।
ना विधायक ना एमएलसी फिर भी बने मंत्री
तकनीकी क्षेत्र में कदम रखते हुए दीपक प्रकाश ने 2011 से 2013 तक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने स्व-रोज़गार को अपनाया और निजी क्षेत्र में सक्रिय रहे। वर्ष 2019-20 के दौरान उन्होंने राजनीति में सक्रिय भागीदारी शुरू की और कुछ ही वर्षों में उन्होंने पार्टी और राज्य स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाई। बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के बेटे ना तो विधायक हैं और ना ही एमएलसी हैं इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों की मानें तो सियासत में रास्ते निकालना मुश्किल नहीं होता। समझौते के तहत विधान परिषद (MLC) की एक सीट RLM को मिलनी है। ऐसे में दीपक प्रकाश पहले विधान परिषद की सदस्यता लेंगे और फिर संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करते हुए कैबिनेट में शामिल हो जाएंगे।