Bihar Chief Ministers: बिहार की राजनीति में रिकॉर्ड, नीतीश के दो दशकों का हुकूमत, 10वीं बार शपथ, 19 साल 115 दिन की निरंतर सत्ता

Bihar Chief Ministers: बिहार की सियासी जमीन पर लंबे सफर, स्थिर नेतृत्व और सत्ता की तपिश का जो नाम सबसे मजबूती से दर्ज है, वह है नीतीश कुमार।

बिहार के मुख्यमंत्रियों की दास्तान में नीतीश का ‘लंबा सफ़र’- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Chief Ministers:  बिहार की सियासी जमीन पर लंबे सफर, स्थिर नेतृत्व और सत्ता की तपिश का जो नाम सबसे मजबूती से दर्ज है, वह है नीतीश कुमार। मुख्यमंत्री पद की 10वीं बार शपथ लेकर उन्होंने देश के इकलौते ऐसे नेता होने का रिकॉर्ड कायम कर दिया है, जिन्होंने इतनी बार मुख्यमंत्री के तौर पर ताजपोशी की हो। यही नहीं, वे बिहार के इतिहास में सबसे अधिक समय तक सत्ता की कमान संभालने वाले नेता भी बन चुके हैं, 19 वर्ष 115 दिन, जो अपने आप में एक विराट राजनीतिक अध्याय है।

यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि बिहार के 17 पूर्व मुख्यमंत्रियों के संयुक्त कार्यकाल से भी अधिक है। बिन्देश्वरी दुबे, केदार पांडेय, कर्पूरी ठाकुर, अब्दुल गफूर, भागवत झा आजाद, दारोगा प्रसाद राय, रामसुंदर दास जैसे नाम जिनके कार्यकाल ने कभी सुर्खियाँ बनाईं, वे भी नीतीश की लंबी पारी के आगे कहीं पीछे छूट जाते हैं।

1946 में श्रीकृष्ण सिंह के अंतरिम मुख्यमंत्री बनने से लेकर 1961 तक उनका दौर चला। फिर विनोदानंद झा, कर्पूरी ठाकुर और भोला पासवान शास्त्री जैसे नेताओं ने कई छोटे-बड़े दौर देखे कई बार कुछ महीनों का कार्यकाल, कई बार कुछ दिनों का शासन।

1970 और 80 के दशक में जगन्नाथ मिश्रा ने कांग्रेस की कमान संभाली। 1990 के बाद बिहार लालू युग में प्रवेश कर गया। लालू प्रसाद ने दो कार्यकालों तक सत्ता संभाली और उसके बाद राबड़ी देवी ने लगभग सात साल तक मुख्यमंत्री पद संभाला।

इसी राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच 3 मार्च 2000 को नीतीश पहली बार कुछ दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने। लेकिन असल राजनीतिक आधार मिला 24 नवंबर 2005 को, जब वे दूसरी बार सीएम बने और फिर आज तक नौ बार दोहराई गई यह कहानी बिहार की सियासत में सबसे स्थिर और प्रभावशाली नेतृत्व का प्रतीक बन गई।

बिहार में अब तक 23 मुख्यमंत्री हुए हैं।इनमें से 15 अपने पहले कार्यकाल में ही सत्ता से रुख़्सत हो गए।10 सीएम ऐसे रहे जिनका कार्यकाल एक साल से भी कम रहा।और पूरे इतिहास में केवल दो नेता ही ऐसे हुए, श्रीकृष्ण सिंह और नीतीश कुमार, जिन्होंने 10 वर्षों से अधिक शासन किया।

नीतीश का यह दसवाँ कार्यकाल न सिर्फ़ एक राजनीतिक उपलब्धि है, बल्कि बिहार की सत्ता के नक़्शे पर एक अद्वितीय, दीर्घकालीन और निर्णायक छाप का बयान भी है जहाँ एक नेता बार-बार लौटता है, फिर तख़्त संभालता है, और सत्ता की पूरी कहानी एक ही नाम के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई देती है।