Patna Airport: पटना एयरपोर्ट पर पैरलल टैक्सी ट्रैक की सेवा होगी शुरू! जानिए यात्रियों और फ्लाइट संचालन पर इसका प्रभाव
Patna Airport: पटना एयरपोर्ट पर पैरलल टैक्सी ट्रैक के शुरू होने से अब हर घंटे 20 फ्लाइट की लैंडिंग और टेकऑफ संभव होगी। जानें इससे यात्रियों और एयरलाइंस को क्या फायदा होगा।
Patna Airport: पटना एयरपोर्ट पर एक बड़े बदलाव की तैयारी अंतिम चरण में है। पैरलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अब यह एयरपोर्ट संचालन की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। फिलहाल पटना एयरपोर्ट पर प्रति घंटे 12 फ्लाइट्स की आवाजाही होती है। लेकिन नए टैक्सी ट्रैक के शुरू होने के बाद यह आंकड़ा 20 फ्लाइट्स प्रति घंटा तक पहुँच जाएगा।
कैसे करेगा टैक्सी ट्रैक मदद?
अभी एक विमान के टेकऑफ या लैंडिंग में औसतन 5 मिनट का समय लगता है।नया टैक्सी ट्रैक यह समय घटाकर 3 मिनट कर देगा।इसका मतलब है—ज्यादा विमान, कम प्रतीक्षा, और तेज़ संचालन।एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, 20 जुलाई को डीजीसीए (DGCA - नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी जाएगी। इसके बाद DGCA की टीम पटना पहुंचकर निरीक्षण करेगी और अंतिम स्वीकृति के बाद इसे आधिकारिक रूप से शुरू किया जाएगा।
रनवे पर विमान क्यों घुमाना पड़ता था और यह क्यों था समस्या?
पटना एयरपोर्ट की संरचना अभी तक इस तरह की रही है कि जब कोई विमान रनवे पर उतरता है, तो उसे उसी रनवे पर घुमाकर टेकऑफ पोजीशन में लाना पड़ता है। इसमें 3 से 4 मिनट का समय लग जाता है, जिससे अगले विमान को टेकऑफ के लिए इंतज़ार करना पड़ता है। नए पैरलल टैक्सी ट्रैक के बन जाने के बाद लैंडिंग के बाद विमान रनवे से अलग टैक्सी ट्रैक पर चला जाएगा।अगली फ्लाइट बिना देर किए रनवे पर टेकऑफ के लिए आगे बढ़ सकेगी। इससे रनवे की दक्षता और सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।
पटना से नए सेक्टरों के लिए उड़ानों की नई उम्मीद
टैक्सी ट्रैक से ट्रैफिक कैपेसिटी बढ़ने का सीधा असर यात्रियों और एयरलाइंस दोनों पर पड़ेगा
यात्रियों के लिए क्या है लाभ?
नए सेक्टरों के लिए उड़ानों की शुरुआत संभव होगी।
त्योहारी सीजन में किराए में राहत की उम्मीद, क्योंकि विमान उपलब्धता बढ़ेगी।
वेटिंग लिस्ट और उड़ानों की कमी की समस्या घटेगी।
एयरलाइंस के लिए क्या है लाभ?
संचालन लागत में कमी, क्योंकि कम समय में ज़्यादा उड़ानें।
पटना जैसे शहरों में फ्रिक्वेंसी बढ़ाने का अवसर।
प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सेवाओं की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रिया: DGCA की मंजूरी है अंतिम पड़ाव
नए टैक्सी ट्रैक की शुरुआत एक तकनीकी प्रक्रिया के तहत होगी। 20 जुलाई तक निर्माण कार्य पूरा होगा।उसी दिन DGCA को रिपोर्ट भेजी जाएगी।DGCA की टीम स्थल पर निरीक्षण करेगी।निरीक्षण में संतुष्टि के बाद ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिलेगा।इसके बाद टैक्सी ट्रैक को औपचारिक रूप से चालू कर दिया जाएगा।यह प्रक्रिया भारत में विमानन संचालन की सुरक्षा और मानकों के अनुरूप है।