Bihar News : बिहार में दूर होगी जमीन मालिकों की जमाबंदी की परेशानी, पंचायतों में दो दिन से अधिक लगेंगे शिविर, विभागीय सचिव ने दिया निर्देश

Bihar News : बिहार में जमीन मालिकों की परेशानी दूर हो जाएगी. राजस्व महाअभियान के तहत अब पंचायतों में दो दिन से अधिक शिविर लगाये जायेंगे.....पढ़िए आगे

पंचायतों में शिविर - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने चल रहे राजस्व महा-अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अहम निर्णय लिया है। विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब किसी भी हलके (पंचायत) में आवश्यकता पड़ने पर दो से अधिक अतिरिक्त शिविर आयोजित किए जा सकते हैं। विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिला समाहर्ताओं को पत्र लिखकर कहा है कि अभियान की प्रगति समीक्षा में यह अनुभव हुआ है कि कई हलकों में मात्र दो शिविरों से सभी आवेदकों की समस्याओं का समाधान संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए अंचल अधिकारी अपने स्तर से अतिरिक्त शिविर आयोजित कर सकेंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि अतिरिक्त शिविरों से अभियान की अन्य गतिविधियाँ प्रभावित न हों।

सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि महादलित टोलों एवं बस्तियों में विशेष ध्यान दिया जाए। वहां तक प्राथमिकता देकर जमाबंदी की प्रति जरूर उपलब्ध कराएं। कई स्थानों पर बंदोबस्त की गई भूमि की जमाबंदी पंजी की प्रति महादलित परिवारों तक समय पर नहीं पहुँच पा रही है। इसलिए अब वितरण दल को प्राथमिकता के आधार पर महादलित बस्तियों में जाकर प्रति एवं आवेदन प्रपत्र उपलब्ध कराने होंगे, ताकि वे शिविरों में उपस्थित होकर त्रुटि-निवारण हेतु आवेदन कर सकें।

इसी क्रम में विभाग ने स्पष्ट किया है कि जन प्रतिनिधियों को भी उनके नाम से संबंधित भूमि की जमाबंदी पंजी की प्रति तथा विहित प्रपत्र उपलब्ध कराना अनिवार्य है। विभाग का मानना है कि रैयतों की तरह जन प्रतिनिधियों को भी यह सुविधा देने से वे अभियान की निगरानी एवं जागरूकता कार्य में और अधिक सक्रिय हो सकेंगे।

ज्ञात हो कि 16 अगस्त से शुरू हुआ यह राजस्व महा-अभियान 20 सितम्बर तक चलेगा। इस दौरान ऑनलाइन जमाबंदी पंजी की प्रति एवं विभिन्न प्रपत्रों का घर-घर वितरण, शिविरों में जमाबंदी में त्रुटि सुधार, छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने, बंटवारा नामांतरण एवं उत्तराधिकार नामांतरण के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। अतिरिक्त शिविरों की अनुमति मिलने से अधिक से अधिक ग्रामीणों को सुविधा मिलने की संभावना है।