IRDAI का बड़ा प्रस्ताव: बीमा बिक्री पर अब नहीं मिलेगा बैंक को कमीशन, ग्राहक से वसूली जाएगी ट्रांजेक्शन फीस

IRDAI ने बीमा बिक्री पर बैंक को कमीशन देने की व्यवस्था खत्म करने का प्रस्ताव भेजा है। ग्राहक से अब ट्रांजेक्शन फीस वसूली जाएगी, जिससे बीमा सस्ते और पारदर्शी हो सकते हैं।

irda insurance- फोटो : Social Media

बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की दिशा में बीमा नियामक संस्था IRDAI ने एक अहम कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संस्था ने बैंक-अश्योरेंस मॉडल को लेकर वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें बीमा बिक्री पर बैंकों को मिलने वाले कमीशन को खत्म करने की सिफारिश की गई है। इसकी जगह, अब ग्राहकों से मार्केट-डिटर्माइंड ट्रांजेक्शन फीस वसूलने की बात कही गई है। अब तक बीमा कंपनियां, बैंकों को पॉलिसी बेचने पर मोटा कमीशन देती थीं। उदाहरण के तौर पर, ₹1,000 सालाना प्रीमियम पर बैंक को 18% कमीशन यानी ₹180 मिलता था। ग्राहक से कुल ₹1,180 वसूले जाते थे।

IRDAI के प्रस्ताव के अनुसार:

  1. अब बीमा कंपनियां बैंकों को कोई कमीशन नहीं देंगी।
  2. ग्राहक से एक ट्रांजेक्शन फीस वसूली जाएगी, जो बैंक के पास जाएगी।
  3. बीमा कंपनी को केवल मूल प्रीमियम (₹1,000) मिलेगा।

नए मॉडल के संभावित फायदे

1. बैंकों की स्वतंत्रता: अब बैंक एक से अधिक बीमा कंपनियों से करार कर सकेंगे, जिससे ग्राहक को ज्यादा विकल्प मिलेंगे।

2. बीमा की कम लागत: ट्रांजेक्शन फीस मार्केट-आधारित होगी – जिससे बीमा सस्ते और पारदर्शी हो सकते हैं।

3. मिस-सेलिंग पर रोक: कई विकल्प होने के कारण ग्राहकों को जबरन कोई एक पॉलिसी नहीं बेची जा सकेगी।

4. बीमा कंपनियों की निर्भरता में कमी: अब कंपनियों को सिर्फ एक या दो बड़े बैंकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मजबूत होगा।

क्यों जरूरी है ये बदलाव?

इस प्रस्ताव को IRDAI के पूर्व चेयरमैन देबाशिष पांडा की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य है:

  1. ग्राहक का भरोसा बढ़ाना
  2. बीमा को किफायती और व्यापक बनाना
  3. मजबूत और विविध डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल तैयार करना

यह बदलाव IRDAI की ‘2047 तक सबके लिए बीमा’ पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य है देश के हर नागरिक तक बीमा उत्पादों की पहुंच बढ़ाना।