Cyber Attack Alert: भारत पर साइबर हमलों की सुनामी,हाई अलर्ट एडवाइजरी! पाकिस्तान प्रायोजित हैकर्स के जाल से ऐसे बचें
Cyber Attack Alert: सीजफायर के बावजूद, साइबर हमलों का खतरा अभी भी हमारे सिर पर मंडरा रहा है। डिजिटल युद्ध में सुरक्षित रहने के लिए हर इंटरनेट उपयोगकर्ता को सतर्क रहने और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करने की सख्त जरूरत है।
Cyber Attack Alert: 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सैन्य संघर्ष थम गया हो और सीजफायर पर सहमति बन गई हो, लेकिन साइबर मोर्चे पर खतरा अभी भी मंडरा रहा है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि पाकिस्तान से शह पाए साइबर अपराधी अब भारतीय लक्ष्यों पर अपने नापाक इरादों के साथ हमलावर हो रहे हैं। सरकारी एजेंसियां, सैन्य संस्थान और देश का महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा इन साइबर हमलों के निशाने पर हैं। इस गंभीर खतरे को भांपते हुए मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है, जिसमें भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को साइबर धमकियों से चौंकन्ना रहने की सख्त चेतावनी दी गई है। महाराष्ट्र साइबर विभाग के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत पर करीब 1.5 करोड़ साइबर हमले किए गए, जिनमें से 150 हमले सफल रहे। हालांकि, राहत की बात यह है कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कोई डेटा चोरी नहीं हुई।
अधिकारियों ने साफ किया कि भारत की साइबर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है और ज्यादातर हमले नाकाम किए गए हैं। साइबर हमलों के इस सिलसिले में विदेशी ताकतों की भूमिका की जाँच की जा रही है।हाल के दिनों में भारत पर साइबर हमलों की बाढ़ आ गई है। महाराष्ट्र साइबर विभाग के होश उड़ा देने वाले आंकड़ों के अनुसार, देश पर लगभग 1.5 करोड़ साइबर हमले हुए हैं, जिनमें से दुर्भाग्य से 150 हमले अपने नापाक मंसूबों में कामयाब भी रहे। इन साइबर हमलों में शातिर हैकर्स ने वेबसाइटों को बदरंग (डिफेसमेंट) करने, संवेदनशील डेटा चुराने और सेवाओं को ठप करने वाले डीडीओएस अटैक्स जैसी खतरनाक तकनीकों का इस्तेमाल किया है।सबसे चिंताजनक बात यह है कि पाकिस्तान साइबर फोर्स जैसे कुख्यात समूहों ने भारतीय रक्षा वेबसाइटों को भी नहीं बख्शा। आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को हैक करके ऑफलाइन कर दिया गया, जो हमारी सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी सेंध का संकेत देता है। महाराष्ट्र साइबर विभाग ने इस डिजिटल युद्ध में शामिल दुश्मनों का भी पर्दाफाश किया है, जिनमें पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मोरक्को और मध्य पूर्व के कुछ देश भी शामिल हैं। इन साइबर हमलों का एकमात्र मकसद सिर्फ तकनीकी नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि भारतीय नागरिकों और संस्थानों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना भी है।
साइबर अपराधी इस नाजुक घड़ी में भारत-पाक संघर्ष का घिनौना फायदा उठा रहे हैं। वे व्हाट्सएप, ईमेल और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म पर जहरीले दुष्प्रचार का जाल बुन रहे हैं और भोले-भाले उपयोगकर्ताओं को फंसाने के लिए फिशिंग की खतरनाक रणनीतियां अपना रहे हैं। यह नापाक सामग्री कई रूपों में आपके सामने आ सकती है:भ्रामक वीडियो और इमेज: आपको ऐसे सनसनीखेज वीडियो और तस्वीरें दिखाई जा सकती हैं, जिनमें संवेदनशील फुटेज या ताजा अपडेट का दावा किया जाएगा। लेकिन हकीकत में, इन फाइलों में खतरनाक मैलवेयर छिपा हो सकता है, जो आपके डिवाइस को संक्रमित कर सकता है।फिशिंग ईमेल: आपके इनबॉक्स में ऐसे ईमेल आ सकते हैं, जिनके विषय भारत-पाक संघर्ष से जुड़े होंगे। ये ईमेल आपकी निजी जानकारी (जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स) चुराने के लिए डिजाइन किए गए हैं और अक्सर असली जैसे दिखने वाले ईमेल एड्रेस से भेजे जाते हैं।घातक एपीके और .exe फाइलें: आपको 'लाइव वॉर अपडेट्स एप' जैसे लुभावने नामों से फाइलें शेयर की जा सकती हैं। इन्हें इंस्टॉल करते ही आपका डिवाइस लॉक हो सकता है और फिरौती की मांग की जा सकती है। इतना ही नहीं, ये आपके बैंक खातों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी हैक कर सकते हैं।फर्जी लॉगिन पेज: हैकर्स वैध समाचार वेबसाइटों या सरकारी पोर्टलों की तरह दिखने वाले नकली लॉगिन पेज बना सकते हैं। जैसे ही आप इन पर अपनी जानकारी डालते हैं, वह सीधे अपराधियों के हाथों में चली जाती है।यह जहरीली सामग्री अक्सर अज्ञात नंबरों या संदिग्ध यूआरएल लिंक्स के माध्यम से भेजी जा रही है, जो टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर पलक झपकते ही वायरल हो सकती है।इस गंभीर खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने एक जरूरी एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने और निम्नलिखित सुरक्षा उपायों को तुरंत अपनाने की सलाह दी गई है:
अपरिचित फाइलों से रहें दूर: अनजान फोन नंबरों से भेजे गए किसी भी वीडियो या इमेज फाइल को भूलकर भी न खोलें, भले ही वह आपको किसी ऐसे व्यक्ति ने फॉरवर्ड किया हो जिस पर आप भरोसा करते हैं।
संदिग्ध लिंक्स पर न करें क्लिक: विवादित अपडेट या संवेदनशील फुटेज दिखाने का दावा करने वाले किसी भी लिंक पर गलती से भी क्लिक न करें। यह आपको खतरनाक वेबसाइटों पर ले जा सकता है या आपके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर सकता है।
आधिकारिक एप स्टोर पर करें भरोसा: हमेशा गूगल प्ले स्टोर या अधिकृत एप स्टोर जैसे विश्वसनीय स्रोतों से ही एप इंस्टॉल करें। किसी भी थर्ड-पार्टी वेबसाइट या अनजान लिंक से एप डाउनलोड करने से बचें।
व्हाट्सएप पर सुरक्षा कवच: व्हाट्सएप पर ऑटो-डाउनलोड सेटिंग को तुरंत डिसेबल करें (सेटिंग्स > स्टोरेज और डेटा > मीडिया ऑटो-डाउनलोड डिसेबल करें)। साथ ही, अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 2-स्टेप वेरिफिकेशन को इनेबल करें।
संदिग्ध गतिविधियों की करें रिपोर्ट: यदि आपको कोई भी संदिग्ध संदेश या गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत cybercrime.gov.in पर इसकी रिपोर्ट दर्ज कराएं। आपकी एक छोटी सी सूचना कई लोगों को खतरे से बचा सकती है।
भड़काऊ ग्रुप से रहें दूर: व्हाट्सएप या टेलीग्राम पर ऐसे किसी भी ग्रुप से तुरंत बाहर निकल जाएं जो भड़काऊ या असत्यापित सामग्री शेयर कर रहा हो और ऐसे ग्रुप की रिपोर्ट भी करें।
ईमेल यूजर्स के लिए सुरक्षा चक्र: हर क्लिक पर रखें नजर!
ईमेल का इस्तेमाल करने वाले सभी उपयोगकर्ताओं को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है: किसी भी अज्ञात ईमेल आईडी से भेजे गए ईमेल को न खोलें, खासकर यदि उनका विषय भारत-पाक संघर्ष से जुड़ा हो।अनचाहे ईमेल के साथ आए किसी भी अटैचमेंट को डाउनलोड न करें और न ही उनमें दिए गए किसी लिंक पर क्लिक करें।फिशिंग ईमेल अक्सर असली जैसे दिखने वाले ईमेल एड्रेस की नकल करते हैं, इसलिए भेजने वाले के ईमेल एड्रेस को ध्यान से जांचें।अपने सभी ईमेल अकाउंट्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को जरूर इनेबल करें। यह आपकी सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देगा। हमेशा अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें और अपने ईमेल अकाउंट में स्पैम फिल्टर को इनेबल रखें।
सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे भारत-पाक संघर्ष से संबंधित किसी भी खबर या अपडेट के लिए केवल सत्यापित समाचार चैनलों और आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर ही भरोसा करें। किसी भी संवेदनशील या फर्जी खबर को फॉरवर्ड या डाउनलोड करने से बचें और हमेशा फैक्ट-चेकर्स का उपयोग करके जानकारी की पुष्टि करें। अपने क्लाउड स्टोरेज और महत्वपूर्ण डेटा का नियमित रूप से बैकअप लें और अपने एंटीवायरस तथा मोबाइल सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें।
आपातकालीन सुविधाएं: मुश्किल वक्त में सुरक्षा का सहारा!
अपनी सुरक्षा को और सुनिश्चित करने के लिए अपने डिवाइस पर निम्नलिखित आपातकालीन सुविधाओं को सक्रिय रखें:
Android: सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी > इमरजेंसी SOS > ऑन करें (पावर बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें)।
iPhone: सेटिंग्स > इमरजेंसी SOS > 'साइड बटन से कॉल करें' और 'ऑटो कॉल' चालू करें (साइड बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें)।
इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स और मेडिकल ID:
Android: सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी > इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स में अपने भरोसेमंद लोगों के नंबर जोड़ें।
iPhone: हेल्थ ऐप में अपनी मेडिकल ID सेट करें और 'लॉक स्क्रीन पर दिखाएं' विकल्प को चालू करें।
अपने डिवाइस पर इमरजेंसी अलर्ट को हमेशा ऑन रखें।
सरकारी और राज्य स्तर पर प्रयास: साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की मुहिम!
महाराष्ट्र साइबर विभाग पहलगाम हमले के बाद से ही सक्रिय है और उसने 83 में से 38 फर्जी पोस्ट को हटाने में सफलता पाई है। 'नेशन फर्स्ट, फैक्ट फर्स्ट' अभियान के तहत सेना और सरकार से जुड़ी गलत सूचनाओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1945 भी शुरू किए गए हैं, जिन पर रोजाना हजारों शिकायतें दर्ज हो रही हैं।भारत की नोडल साइबर एजेंसी ने भी 10 मई, 2025 को एक सार्वजनिक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें रैंसमवेयर, डीडीओएस और वेबसाइट डिफेसमेंट जैसे खतरनाक साइबर हमलों के खतरे को उजागर किया गया है। मध्य प्रदेश साइबर सेल भी इस लड़ाई में पीछे नहीं है और cybercrime.gov.in पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वे भी साइबर धमकियों से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
सीजफायर के बावजूद, साइबर हमलों का खतरा अभी भी हमारे सिर पर मंडरा रहा है। इस डिजिटल युद्ध में सुरक्षित रहने के लिए हर इंटरनेट उपयोगकर्ता को सतर्क रहने और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करने की सख्त जरूरत है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर साइबर जागरूकता को बढ़ाएं, ताकि भारत की डिजिटल सुरक्षा को अभेद्य बनाया जा सके। याद रखें, सतर्कता ही सुरक्षा है!