पुल गिरने के बाद अब चिंता गंगा में समाए 14 हजार टन मलबे की, काम के लिए इस खास कंपनी के एक्सपर्टस से किया संपर्क

 KHAGDIYA : बिहार में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के गिर जाने के बाद अब चिंता उसके मलबे को हटाने के लेकर है। बताया जा रहा है कि पुल गिरने के बाद लगभग 14 हजार टन मलबा नदी में अभी जमा है। जिसे निकाला जाना है। राज्य सरकार ने पुल को बना रही कंपनी एसपी सिंगल को 15 दिन का मोहलत दी है कि 15 दिन में गंगा नदी के मलबे को बाहर निकाले। वहीं अब कंपनी  की तरफ से इसको लेकर काम शुरू कर दिया गया है। 

कंपनी के मैनेजर की मानें तो कोलकाता से 750 एचपी की पोकलेन आ रही है। मलबा हटाने के लिए मुंबई और मद्रास से विशेषज्ञ आ रहे हैं। यह मलबे के ऊपरी हिस्से का अध्ययन करेंगे। इससे पहले दिल्ली से आए एक विशेषज्ञ ने नदी के अंदर मलबा होने के बारे में अध्ययन किया है।

ट्विन टावर गिरानेवाली कंपनी से जुड़े हैं सभी

बताया जा रहा है कि यह सभी विशेषज्ञ उसी कंपनी से जुड़े है, जिन्होंने पिछले साल नोएडा मे ट्विन टावर को गिराया था। साथ इमारत के मलबे को साफ किया था।खगड़िया के जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने कहा है कि हर हाल में मलबा हटाना ही होगा।

बाहर से मशीनें मंगाई जा रही हैं

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता शशिभूषण ने कहा कि मलबा हटाने में परेशानी है। बाहर से मशीनें मंगाई जा रही हैं। दिए गए समय पर एजेंसी को मलबा हटाने को कहा गया है। 

बिहार में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा रविवार को गिर गया था। इसके गिरने से 14 हजार टन मलबा नदी में होने का अनुमान है। मलबा हटाने के लिए सरकार ने 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। निर्माण एजेंसी (एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी) के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक कुमार झा ने बताया कि कोलकाता से 750 एचपी की पोकलेन आ रही है। मलबा हटाने के लिए मुंबई और मद्रास से विशेषज्ञ आ रहे हैं।

नदी के अंदर मलबे का अध्ययन

दिल्ली से आए एक विशेषज्ञ ने नदी के अंदर मलबा होने के बारे में अध्ययन किया है। मुंबई और मद्रास के विशेषज्ञ ऊपरी हिस्से के मलबे का अध्ययन करेंगे। ये सभी विशेषज्ञ उस कंपनी से जुड़े हुए हैं, जिसने नोएडा में ट्विन टावर को गिराने का काम किया था।

लापता गार्ड का अब तक नहीं मिला सुराग

 बुधवार की सुबह लापता गार्ड विभाष की खोजबीन को मलबा हटाने को लेकर लगाई गई पोकलेन मशीन काम नहीं कर सकी।  नदी में खोजबीन अभियान चलाया, लेकिन लापता गार्ड का कोई पता नहीं चल पाया।   इधर गुरुवार को मजदूरों ने ध्वस्त स्ट्रक्चर के पास से निर्माण कंपनी के जरूरी सामान हटाने का काम किया।