केके पाठक के कोचिंग संस्थानों के लिए जारी फरमान के बाद बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली 2023! , कोचिंग संस्थान चलाने के लिए नया नियम लागू!

पटना-  राज्य में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) अधिनियम 2010 गठित है। 13 साल बाद नियमावली आई है। सुझावों पर विचार करने के बाद विभाग इसे लागू कर देगा। जिले में कोचिंग संस्थानों को निबंधन प्रमाणपत्र देने के लिए प्राधिकार गठित किए जाएंगे। इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी व सदस्य सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी होंगे। एसपी और अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य इसके सदस्य होंगे। मानदंडों पर खरा उतरने पर आवेदन के 30 दिनों के अंदर पंजीकरण प्रमाणपत्र कमेटी देगी। मानक पर सही नहीं उतरने पर आवेदन खारिज कर दिया जाएगा। आवेदन शुल्क पांच हजार होगा। कोंचिंग संस्थान की प्रत्येक कक्षा का न्यूनतम कॉरपेट एरिया 300 वर्गफुट होगा। बेंच-डेस्क-कुर्सी इस प्रकार होगी कि हर छात्र को कम-से-कम एक वर्गमीटर स्थान प्राप्त हो। संस्थान में पेयजल तथा लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे। पर्याप्त रोशनी होगी। तीन साल तक पंजीकरण मान्य होगा, उसके बाद तीन हजार के शुल्क पर उसका नवीनीकरण होगा। कोचिंग संस्थानों की ओर से किसी मानदंड का उल्लंघन किया जाता है और वह पहली बार जांच में आया है तो उसे 25 हजार का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार कोई गलती पाये जाने पर एक लाख का जुर्माना लगेगा। इसके बाद भी कोई गलती पकड़ी जाती है तो संस्थान का पंजीकरण रद्द होगा।

शिक्षा विभाग की कमान जब से कड़क आईएएस केके पाठक ने संभाली है तब से लगातार वे सुर्खियों में हैं. बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए केके पाठक एक के बाद एक नए-नए फरमान जारी कर रहे हैं. कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसी गई है. केकेपाठक के आदेश के अनुसार, अब राज्यभर में कोचिंग संस्थान सुबह के 9 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक संचालित नहीं होंगे. 9 बजे से पहले या 4 बजे के बाद कोचिंग संस्थान चलाने के लिए संचालक स्वतंत्र हैं.  

केकेपाठक के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली 2023 में यह भी तय कर दिया गया है कि कोचिंग संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी स्कूलों की संचालन अवधि में वह छात्र-छात्राओं को नहीं पढ़ाएगा. कोंचिंग की कक्षाओं की समय तालिका किसी भी तरह से सरकारी स्कूलों-संस्थानों के समय के साथ टकराव नहीं होगा. जिलाधिकारी को यह शक्ति होगी कि वह सरकारी स्कूल-कॉलेजों के समय को ध्यान में रखते हुए कोचिंग संस्थानों का समय निर्धारण करेंगे. छात्रों के शुल्क में कटौती भी जिलाधिकारी कर सकते हैं.

नियमावली के अनुसार यदि किसी संस्थान को दो बार दंडित किया जा चुका हो, तो प्राधिकार उसे सुनवाई का पर्याप्त मौके देने के बाद पंजीकरण रद्द कर देगा. प्राधिकार रद्द संस्थान में नामांकित छात्रों को अन्य संस्थान में भेजने को सक्षम होगा. बावजूद संस्थान पढ़ाना जारी रखता है तो डीएम सभी चल संपत्तियों के साथ ऐसे परिसरों को जब्त करने के लिए सक्षम होंगे.

जिला पदाधिकारी अनुमंडल स्तर पर जांच समिति गठित करेंगे. इसके अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी होंगे. कोई भी शिकायतकर्ता अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष कोचिंग संस्थानों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है. जांच समिति 30 दिनों के अंदर जांच पूरी करेगी और अपनी अनुशंसा जिलाधिकारी को करेगी.

बता दें केकेपाठक के फरमान को लेकर जिला अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है. पत्र में साफ तौर पर 9 से 4 बजे के बीच कोचिंग संस्थान नहीं चलाने का आदेश दिया गया था. इसके साथ ही दो अन्य आदेश भी जारी किये गए . जिसके अनुसार, कोई भी कोचिंग संस्थान सरकारी या गैर सरकारी स्कूल के टीचर या कर्मी को अपने यहां टीचिंग फैकल्टी में नहीं रख सकते हैं. वहीं, तीसरे आदेश के मुताबिक, संचालन मंडल में यदि किसी कर्मी या पदाधिकारी को रखा गया है तो, इसे लेकर डीएम को सूचित करना होगा. वहीं, इस फरमान के बाद शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया .