बीजेपी ने प्रियंका गाँधी को राहुल से बताया तेज और काबिल, कहा केवल चुनाव प्रचार के लिए होती हैं इस्तेमाल

N4N DESK : आगामी लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष बचे हैं। केंद्र की मोदी सरकार को गद्दी से उतारने के लिए इंडिया गठबंधन एड़ी छोटी एक कर रहा है। इसके लिए पटना, बेंगलुरु और मुंबई में बैठके हो चुकी है। इन तीनों बैठकों में कांग्रेस की ओर से राहुल गाँधी तो बैठक में शामिल हुए। लेकिन चुनावों में अहम भूमिका निभानेवाली प्रियंका गाँधी कहीं नजर आई। इस सवाल को भारतीय जनता पार्टी ने भी उठाया है।
अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट कर पार्टी ने माना की राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी का रिश्ता एक आम भाई-बहन जैसा नहीं है। प्रियंका राहुल से तेज है पर राहुल के इशारे पर ही पार्टी नाच रही है, सोनिया गांधी भी पूरी तरह राहुल के साथ हैं! घमंडिया गठबंधन की मीटिंग से प्रियंका का ग़ायब होना यूँ ही नहीं है! बहन का इस्तेमाल सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए किया जा रहा है।
एक आम भाई-बहन जैसा नहीं है राहुल गांधी और प्रियंका का रिश्ता।
— BJP (@BJP4India) September 3, 2023
प्रियंका राहुल से तेज है पर राहुल के इशारे पर ही पार्टी नाच रही है, सोनिया गांधी भी पूरी तरह राहुल के साथ हैं! घमंडिया गठबंधन की मीटिंग से प्रियंका का ग़ायब होना यूँ ही नहीं है!
वीडियो में देखिये, कैसे बहन का… pic.twitter.com/6OeumZ5aOy
वीडियो में बताया गया है की उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां कांग्रेस एक या दो सीटों से ज्यादा नहीं जीत पाती। यही कारण है कि प्रियंका गांधी का राजनीतिक करियर पार्टी कार्यालय से आगे नहीं बढ़ सका। प्रियंका गांधी को कभी चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि सोनिया गांधी को डर था कि वह अपने भाई से आगे निकल सकती हैं, वह संसद में राहुल गांधी का बेहतर विकल्प बन सकती हैं।
यही वजह है कि मां-बेटे ने प्रियंका को चुनाव लड़ने से रोक दिया है। यहाँ तक की अब उन्हें वाराणसी से लड़ने के लिए कहा जा रहा है, जो प्रधानमंत्री मोदी का सीट रहा है। वहीँ प्रियंका गाँधी को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है, जहाँ से कांग्रेस के लिए जितना मुश्किल है। वीडियो में यह भी कहा गया है की केवल दिखाने के राहुल और प्रियंका के बीच सबकुछ ठीक है। लेकिन सही यह है की दोनों के बीच गहरे मतभेद हैं। यहीं कारण है की इस रक्षाबंधन को राहुल गाँधी की कलाई सुनी रह गयी थी।