भागलपुर के जगतपुर झील में हज़ारों किलोमीटर दूर से आये प्रवासी परिंदे, कलरव से गूंजा इलाका

BHAGALPUR : भागलपुर का जगतपुर झील विदेशी मेहमानों के कलरव से गूंज उठा है। जगतपुर झील में सैकड़ों विदेशी परिंदो का जमावड़ा लगा है। ठंड के आगमन के साथ ही ये पक्षी रूस, मंगोलिया, अलास्का समेत अन्य देशों से हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर भागलपुर पहुंचते हैं। जगतपुर झील विदेश के पंक्षियों के 170 से अधिक प्रजातियों से गुलजार है। 


इस वर्ष ठंड में नॉर्दर्न सोभलर, गडवाल डक, कॉमन पोचार्ड, कॉमन डक, कॉमन टिल, पिनटेल डक, लालसर सहित कई विदेशी पक्षियाँ पहुंची हैं। नवंबर में ये सभी पक्षियाँ यहाँ पहुंचते हैं जो मार्च तक झील में विचरण करते हैं। इस झील का वातावरण इन पक्षियों के लिए अनुकूल है। पक्षियों के आते ही स्थानीय लोग और पर्यवारणविद अपने कैमरे में तस्वीरों को कैद करते हैं। 

भागलपुर के वन्य जीव संरक्षक अरविंद मिश्रा ऐसे पक्षियों पर रिसर्च करते है। अरविंद मिश्रा ने बताया कि शीतकाल में जब इन पक्षियों का मूल प्रवास बर्फ से पूरी तरह ढंक जाता है, बर्फीले तूफान चलते हैं तो वहां इनका जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है। भोजन, आवास, सुरक्षा कुछ नहीं मिल पाता है। तब ये सभी पक्षियाँ सेंट्रल एशियन फ्लाइवेज से यहां आते है। 

पक्षियों के जगतपुर झील पहुंचते ही वन विभाग चौकस रहता है। अधिकारी लगातार झील जाकर निरीक्षण भी करते हैं ताकि स्थानीय लोग या शिकारी किसी भी तरह का नुकसान इन्हें नहीं पहुंचाए। डीएफओ ने बताया कि अभी 170 से अधिक प्रजातियां झील में डॉक्यूमेंट किये गए हैं। ये सभी सेंट्रल एशियन फ्लाइवेज से आते हैं। इस फ्लाइवेज मे हवा के बहाव पक्षियों के अनुकुल होता है। झील को सँवारा जाए तो और बेहतर होगा, जल कुंभी से पक्षियों को ज्यादा परेशानियां होती है। हालाँकि वो प्राइवेट लैंड है तो अभी उस पर काम नहीं हो रहा है।

भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट