देश के अधिकांश लोग छोड़ रहे हैं भारतीय नागरिकता, आखिर क्यों हो रहा भारतीयों का बड़ी संख्या में पलायन, जानिए वजह

DESK: भारत में विदेश मंत्री एस जयशंकर के खुलासे ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है। दरअसल, हर साल लाखों लोग भारत की नागरिकता को छोड़ रहे हैं। विदेश मंत्री द्वारा पेश किए गए आंकड़ों ने देश का टेंशन बढ़ा दिया है। आखिर अचानक भारतीय लोगों का देश प्रेम कम क्यों होने लगा है। यह एक बड़ी हैरान करने वाली बात हो गई है। विदेश मंत्री ने जो आंकड़े पेश किए, उनकी मानें तो साल 2022 में रिकॉर्ड 2,25,620 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। यह हाल सिर्फ 2022 का ही नहीं है, 2018 से जून 2023 तक पिछले साढ़े पांच सालों में करीब 8.40 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़कर विदेशी नागरिकता को अपनाई है।
एस जयशंकर के द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़े में यह जानकारी दी गई कि भारतीय नागरिकों को नागरिकता छोड़ने में इजाफा हुआ है। बात अगर 2011से 2022 तक करें तो भारतीय नागरिकों को झुकाव भारत की नागरिकता छोड़ने और विदेश में सेटल होने में ज्यादा रहा है। 2022 में 2,25,6220 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है, जो पिछले सालों में सबसे बड़ा आकड़ा है। 2011 से 2022 में भारत की नागरिकता छोड़ने वालों की औसत संख्या 138,620 है।
एक्सपर्ट की माने तो इसका एक संभावित कारण कोविड काल के दौरान बैकलॉग को पूरा करना हो सकता है। कोविड के दौरान दुनिया भर में वीजा और नागरिकता आवेदनों की प्रोसेसिंग काफी धीमी हो गई थी। अगर इस हिसाब से देखें तो प्री-कोविड अवधि 2011 से 2019 के दौरान नागरिकता छोड़ने वालों का आंकड़ा औसत 132,133 था, जो कि कोविड के दौरान और पोस्ट-कोविड यानी 2020 से 2022 के वक्त 1,58,802 तक पहुंचा। यानी 20% की बढ़ोत्तरी। इससे स्पष्ट होता है कि कोविड के बाद नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या स्पष्ट रूप से बढ़ रही है।
वहीं अगर बात दोहरी नागरिकता की करें तो भारत नागरिकों को दोहरी नागरिकता नहीं देता है। अगर आप विदेश में जाकर वहां की नागरिकता को प्राप्त करते हैं तो आपकी भारतीय नगरिकता रद्द हो जाएगी। इसलिए भारतीयों को किसी एक देश का ही नागरिकता मिल सकता है। इसके साथ ही भारतीय पासपोर्ट भी उतना शक्तिशाली नहीं है। भारतीय पासपोर्ट लगभग 57 देशों का ही वीजा मुक्त प्रदान करता है। वहीं यूएस, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के पासपोर्ट के साथ 150 से अधिक देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा की जा सकती है। हालांकि, भारत अपने उन लोगों को विदेशी नागरिकता (ओसीआई) का दर्जा प्रदान करता है जिन्होंने विदेशी नागरिकता ले ली है। ओसीआई कार्ड धारक भारत के नागरिकों को मिलने वाले अधिकांश लाभों का आनंद ले सकते हैं, सिवाय भारतीय पासपोर्ट के अधिकार, वोट देने या सार्वजनिक पदों पर रहने के अधिकार और कृषि भूमि की खरीद पर प्रतिबंध को छोड़कर।
बता दें कि, विशेषज्ञों का इस मामले में तर्क है कि इस के पीछे की वजह विविध और जटिल हैं। इसमें करियर की संभावनाओं से लेकर, जीवन की बेहतर गुणवत्ता, बेहतर शैक्षिक अवसर, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और यहां तक कि स्वच्छ हवा जैसी वजह शामिल हैं। यहीं नहीं नागरिकता छोड़ने या अपनाने में आर्थिक कारकों से लेकर विवाह से संबंधित प्रवास भी अहम कारक हैं।