हिंसा पर प्यार भारी - सांप्रदायिक दंगे से सहमे प्रेमी जोड़े ने दिया ‘मोहब्बत’ का पैगाम, मुस्लिम युवती से हिन्दू युवक ने रचाई शादी, लोगों ने सूखी रहने का दिया आशीर्वाद
UP NEWS - सीतापुर जिले में एक मुस्लिम युवती ने अपने हिंदू प्रेमी संग मंदिर में सात फेरे लिए। शादी के बाद युवती ने हिंदू धर्म को अपना लिया। युवती ने बताया कि हिदूंओं में पूरी आजादी है।
DESK - सीतापुर जिले में मंगलवार को एक मुस्लिम युवती ने मंदिर में अपने प्रेमी संग सात फेरे लिए। इस दौरान युवती ने मुस्लिम धर्म को छोड़कर सनातन को अपनाने का फैसला लिया। इस दौरान कई लोगों ने नए जोड़े को आशीर्वाद दिया।
पूरा मामला नूरी नाम की युवती से जुड़ा है। 23 साल की नूरी मूल रूप से अंबेडकर नगर जिले की रहने वाली है। उसके अब्बा का नाम मोहम्मद खलील है। वह लुधियाना की एक फैक्ट्री में नौकरी करती है। डेढ़ साल पहले यहीं पर उसकी मुलाकात 25 वर्षीय अखिलेश से हुई। अखिलेश मूलतः सीतापुर के निवासी हैं। फैक्ट्री में मुलाकात का सिलसिला बढ़ा तो दोनों में प्रेम हो गया। लेकिन इनके रिश्ते में मजहब अलग-अलग होने की वजह से दोनों परिवार शादी के लिए राजी नहीं थे।
अखिलेश ने अपने घर वालों को जैसे-तैसे समझा लिया। पर नूरी के परिजन काफी कोशिशों के बाद भी तैयार नहीं हुए। उलटे नूरी पर कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी। वहीं नूरी भी शादी के बाद अपना धर्म बदलने के लिए तैयार नहीं थी।
बहराइच दंगे ने बदली नूरी की सोच
इस बीच डेढ़ महीने पहले बहराइच में हुई हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की हत्या ने नूरी को हिला दिया। उनकी पत्नी को रोता-बिलखता देख वह विचलित हो गईं। उसके बाद उसने इस्लाम छोड़ घर वापसी का फैसला लिया। नूरी ने अखिलेश से बात की और फिर दोनों ने हिंसा में हिंदूओं की मदद करनेवाले संगठन हिंदू शेर सेना के विकास हिन्दू से संपर्क किया। जिसके बाद विकास हिन्दू ने दोनों की शादी कराने का फैसला किया।
बीते मंगलवार को रामकोट थाना क्षेत्र के माता काली मंदिर में सात फेरे लिए। जिसमें संगठन के लोगों की मौजूदगी में सबसे पहले नूरी का शुद्धीकरण किया गया। उसके बाद नूरी ने अपना नाम बदलकर निशा कर लिया।
अपनी मर्जी से लिया फैसला
सात फेरे लेने के बाद दुल्हन बनी निशा ने बताया, ‘मेरा नाम नूरी था. शादी के बाद मैंने अपना नाम बदलकर निशा रख लिया है. मैंने हिंदू धर्म अपनाकर अखिलेश कुमार के साथ शादी की है. यह फैसला मैंने अपनी मर्जी से लिया है।
राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना के अध्यक्ष विकास हिन्दू ने बताया कि नूरूी शुरुआत में असमंजस में थी। वह शादी के बाद भी अपना मजहब नहीं छोड़ना चाहती थी। अखिलेश भी इसके लिए राजी था। लेकिन बहराइच की घटना के बाद उसका मन इस्लाम से उचट गया।