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New Income Tax Bill 2025 - संसद में इनकम टैक्स बिल हुआ पेश, जानें कैसे आम आदमी को होगा फायदा

New Income Tax Bill 2025 - 60 साल पुराने इनकम टैक्स कानून की जगह अब देश को नया आईटी बिल 2025 मिलने जा रहा है। आज संसद में वित्त मंत्री ने नए इनकम टैक्स बिल को प्रस्तुत किया। साथ ही बिल की विशेषताओं के बारे में भी बताया।

New Income Tax Bill 2025 - संसद में  इनकम टैक्स बिल हुआ पेश, जानें कैसे आम आदमी को होगा फायदा

केंद्र की मोदी सरकार ने संसद में इनकम टैक्स 2025 बिल पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा (Lok Sabha) में नया इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill) संसद में पेश किया।  यह नया विधेयक लगभग 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा और टैक्स सिस्टम को सरल, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाएगा। वित्त मंत्री ने नए बिल की खासियतों के बारे में भी बताया। इससे पहले, 7 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बिल को मंजूरी दी थी.. 

नए बिल में क्या होगा खास?

नए इनकम टैक्स बिल में कानून को आसान भाषा में लिखा जाएगा, जिससे आम लोग इसे आसानी से समझ सकें। गैर-जरूरी शब्दों को हटाया जाएगा और टैक्स विवादों (Tax Litigation) को कम करने पर जोर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि नया इनकम टैक्स बिल टैक्सपेयर्स के लिए सरल, स्पष्ट और समझने में आसान होगा, और इससे कानूनी विवादों में भी कमी आएगी।

टैक्स स्लैब में बदलाव

बता दें कि 1 फरवरी को बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम के तहत 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी। इसके अलावा, नो-टैक्स सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है। संशोधित टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं:

4 लाख रुपये तक: कोई टैक्स नहीं

4 लाख से 8 लाख तक: 5% टैक्स

8 लाख से 12 लाख तक: 10% टैक्स

12 लाख से 16 लाख तक: 15% टैक्स

16 लाख से 20 लाख तक: 20% टैक्स

20 लाख से 24 लाख तक: 25% टैक्स

24 लाख से ऊपर: 30% टैक्स

नए इनकम टैक्स बिल की मुख्य विशेषताएं

सरल भाषा और छोटे वाक्य: बिल को आसान बनाने के लिए सरल भाषा का उपयोग किया गया है और अनावश्यक प्रावधानों को हटा दिया गया है।

टैक्स ईयर का उपयोग: नए बिल में ‘पूर्व वर्ष’ और ‘आकलन वर्ष’ जैसे जटिल शब्दों को हटाकर ‘टैक्स ईयर’ का उपयोग किया गया है।

तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग: स्पष्टीकरण या शर्तों के बजाय तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग किया गया है, जिससे समझने में आसानी हो।

टैक्सपेयर्स चार्टर: इसमें टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल किया गया है, जो टैक्सपेयर्स के अधिकारों और दायित्वों को स्पष्ट करेगा।

पूंजीगत लाभ के प्रावधान: बाजार से जुड़े डिबेंचर के मामले में पूंजीगत लाभ की गणना के लिए विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं।

सरल नियम और अनुसूचियां: कुल आय में शामिल न होने वाली आय को अनुसूचियों में स्थानांतरित कर नियमों को सरल बनाया गया है।

सुव्यवस्थित कटौतियां: वेतन से जुड़ी कटौतियों जैसे मानक कटौती, ग्रेच्युटी, और अवकाश नकदकरण को एक ही स्थान पर तालिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए इसे समझना और लागू करना आसान हो जाएगा।

नया इनकम टैक्स बिल 2025 करदाताओं के लिए एक बड़ा सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल कानून को समझना आसान होगा, बल्कि टैक्स विवादों में भी कमी आने की उम्मीद है।

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