Telangana tunnel accidentतेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढह जाने से आठ लोग सुरंग में फंस गए हैं। यह घटना शनिवार को हुई, जब 50 से अधिक श्रमिक और इंजीनियर सुरंग के अंदर काम कर रहे थे। वे सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक गए थे, तभी अचानक छत ढह गई। इस दुर्घटना में दो इंजीनियर और छह अन्य श्रमिक फंस गए, जबकि 42 अन्य लोग सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे।
बचाव दल ने घटनास्थल पर पहुंचकर फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास शुरू किया। हालांकि, उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। मलबे में लोहे, कीचड़ और सीमेंट के ब्लॉकों का जमाव हो गया है, जिससे बचाव कार्य कठिन हो गया है। बचाव दल ने 13 किलोमीटर तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की है, लेकिन मलबा हटाने में कठिनाई आ रही है। इसके अलावा, सुरंग के अंदर घुटनों तक कीचड़ भरी हुई है, जिससे आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है।
राज्य सरकार ने भारतीय सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को घटनास्थल पर तैनात किया है। इसके अलावा, उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले साल हुई सुरंग दुर्घटना के विशेषज्ञों को भी मदद के लिए बुलाया गया है। बचाव टीम ने सुरंग में ताजा हवा भेजने की व्यवस्था भी की है ताकि फंसे हुए लोगों को सांस लेने में परेशानी न हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से फोन पर बातचीत कर घटना की जानकारी ली और केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी खुद घटनास्थल पर मौजूद हैं और उन्होंने अधिकारियों को बचाव अभियान तेज़ करने का निर्देश दिया है।
फंसे हुए आठ व्यक्तियों में दो इंजीनियर एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी से हैं जबकि चार श्रमिक उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हैं। दो अन्य ऑपरेटर अमेरिकी कंपनी से संबंधित हैं।