शादी में नए जोड़े ने लिया आठवां वचन!, देश में पहली बार विवाह के दिन दूल्हा दुल्हन ने लिया देहदान करने का फैसला

Up News - अपनी शादी के दिन ही दूल्हा दुल्हन ने समाज के सामने बड़ी मिसाल पेश की। नए जोड़े ने शादी में जयमाल के स्टेज से ही अपने देहदान का फैसला लिया। जिसकी सभी ने तारीफ की।

शादी में नए जोड़े ने लिया आठवां वचन!, देश में पहली बार विवाह

Itawa - अपनी शादी के दिन ही दूल्हा दुल्हन ने ऐसा फैसला लिया, जिसकी तारीफ सभी कर रहे हैं. यहां शादी में जयमाला होने से पहले नए जोड़े ने देहदान का फैसला लिया। माना जा रहा है कि शादी के दिन देश में पहली बार किसी दूल्हा दुल्हन ने यह फैसला लिया है। जहां दूल्हा एमबीए कर चुकाहै,वहीं दुल्हन बीएससी की पढ़ाई कर रही है। दोनों को जयमाला के स्टेज पर ही सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने उन्हें देहदान का सर्टिफिकेट दिया। दूल्हा-दुल्हन की इस पहल की हर तरफ चर्चा हो रही है. हर कोई नवदंपती के इस फैसले से खुश है

यूपी के इटावा का मामला

नए जोड़े के द्वारा देहदान करने का मामला यूपी के इटावा का है। जिले के भरथना तहसील के खानपुर गांव के रहने वाले रामपाल सिंह के बेटे अतुल यादव की शादी निवाड़ी कला की लवी से तय हुई। 19 अप्रैल को हुई इस शादी में जयमाला के मंच पर दंपती ने अपनी देह सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी को दान कर दी। अतुल के इस फैसले में उनकी पत्नी ने भी पूरा साथ दिया और उन्होंने भी अपनी देह दान कर दी।

अतुल को अध्यात्म से मिली प्रेरणा

देहदान करने वाले अतुल बताते हैं कि उन्हें अध्यात्म में रुचि है और वे गीता, पुराण आदि धार्मिक किताबें पढ़ते रहते हैं. इन्हीं से उन्हें प्रेरणा मिलीष उन्होंने जाना कि शरीर नाशवान है और आत्मा अमर है।  मरने के बाद शरीर जल जाना है तो क्यों न इसे किसी ज़रूरतमंद के काम आने दिया जाए, जिससे किसी को जीवन मिल सके। यही सोचकर अतुल ने देहदान का फैसला लिया। जिसमें अब उनकी पत्नी ने भी साथ दिया है।

Nsmch
NIHER

बता दें कि अतुल ने पहले बीसीए और फिर एमबीए और इस समय सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर सर्वर विभाग में टेक्निकल काम संभालते हैं। अतुल बताते हैं कि ड्यूटी के दौरान उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी में कई ऐसे मरीज देखे जिनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया और समय पर डोनर न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गई। जिससे यह फैसला लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया।

पिता और परिवार का मिला सपोर्ट

अतुल के पिता कहते हैं कि उन्हें अपने बेटे और बहू पर गर्व है जिन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया। अतुल ने बताया कि उन्होंने शादी से कुछ दिन पहले ही लवी से देहदान की इच्छा बताई थी। लवी ने कहा कि वह हर फैसले में उनके साथ हैं और खुद भी देहदान करेंगी इसके बाद अतुल ने अपने सास-ससुर और बाकी परिवार वालों को भी इस फैसले के लिए तैयार कर लिया।

 सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति और विभागाध्यक्ष ने भी सराहना की. शादी के दिन ही विभागाध्यक्ष ने जयमाला के मंच पर उन्हें देहदान का सर्टिफिकेट सौंपा।