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Bihar News : भागलपुर पुलिस ने एनएसजी कमांडों की जमकर की पिटाई, 50 हज़ार रुपए लेकर हाजत से छोड़ा, पीड़ित ने कोर्ट से लगाई न्याय की गुहार

Bihar News : भागलपुर पुलिस ने एनएसजी कमांडों की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद उसे 50 हज़ार रुपए लेकर थाने से ही छोड़ दिया. अब पीड़ित ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है.....पढ़िए आगे

Bihar News : भागलपुर पुलिस ने एनएसजी कमांडों की जमकर की पिटाई, 50 हज़ार रुपए लेकर हाजत से छोड़ा, पीड़ित ने कोर्ट से लगाई न्याय की गुहार
कमांडो की पिटाई - फोटो : balmukund

BHAGALPUR : एक तरफ सुशासन की सरकार सूबे में भ्रष्टाचार को मिटाने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने में लगी हैं। ताकि अपराधी बचे नहीं, आम लोग निर्भीक होकर अपना रोजमर्रा का काम कर सके। पुलिस और आम लोगों का संबंध बेहतर हो। पुलिस के आलाधिकारी भी कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने में लगे हैं। ताकि पुलिस पर लोगों का विश्वास हो, थाने जाने पर समुचित न्याय मिले। लेकिन भागलपुर के जोगसर पुलिस के कारनामा ने सारी व्यवस्था को ताक पर रख दिया है। जहां रक्षक ही भक्षक बना है। ताजा मामला जोगसर थाना की है। पुलिस प्रशासन का रेट फिक्स है। बिना गुनाह के हाजत से बाहर निकलने का 50000 रुपए दिजिए और PR बॉन्ड पर हाजत से बाहर आएं। जी हां ये हम नहीं कह रहे हैं। यह पीड़ित का आवेदन बता रहा हैं। 

पीड़ित NSG कमांडो को जब आलाधिकारियों से न्याय मिलने का आसरा नहीं दिखा।  उल्टे अधिकारियों द्वारा उन्हीं को उल्टा खरे खरे जेल भेजने की बात कही गई। यहां तक की उनकी एक बात भी नहीं सुनने को तैयार हुए। शिवम कुमार थक हार कर न्यायालय में आवेदन देकर नालसी वाद मामला दर्ज कराया। कमांडो द्वारा आवेदन में साफ तौर पर लिखा गया की वहां पुलिस अधिकारी और कर्मियों द्वारा गला दबाया गया। मतलब यदि उनके परिजन सही समय पर नहीं आते तो कुछ भी हो सकता था। यहां तक कि पीड़ित कमांडो से सादे पेपर पर ही दस्तखत करा लिया गया है। परिजन जब आए तो विनती किया गया। साथ ही साथ 50000 हज़ार रुपए का चढावा चढ़ाया गया। तब जाके जोगसर थाना के अधिकारी का दिल पसीजा। तब अधिकारी बोलते हैं की आप NSG कमांडो हो। इसलिए आपको पी आर बॉन्ड पर छोड़ रहे हैं। 

हम आपको यह भी बताना चाहेंगे की जब NSG कमांडो को बेरहमी से पीटा गया तो शरीर के कई जगह पर ज़ख्म हो गया था। उनको मेडिकल भी नहीं कराया गया। आप समझ सकते हैं पुलिस का खौफ इतना है की पुलिस के द्वारा पिटाई की बात आप बोलकर आप मेडिकल कराने जाएंगे तो आपका इलाज ही नहीं किया जाएगा। आप समझ सकते हैं. की पुलिस की खौफ कहां कहां तक व्याप्त हैं। यहां तक की जब आप झूठ बोलकर अपना इलाज कराने जाएंगे। तब जाके आपका इलाज अर्थात इंजूरी बनेगी। ये हालात हैं। गनीमत यह रही की न्यायालय में आवेदन जाते ही न्यायालय द्वारा संज्ञान लेते हुए पीड़ित पक्ष से अगले दिन ही कोर्ट द्वारा बयान लिया गया। साथ ही साथ कमांडो के जाने के समय से देर रात्री तक का हार्ड डिस्क की मांग कर दी है। सूत्र बताते हैं कि कोर्ट के इस आदेश से पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया है।

भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट  

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