Bihar News: बिहार के नवादा में साइबर अपराधियों ने बड़ा कांड कर दिया है। साइबर अपराधियों ने साइबर थाने के डीएसपी को ही लाखों का झांसा दे दिया। दरअसल, नवादा के साइबर डीएसपी को ही साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों ने ठगी करने की कोशिश की है। जिसके बाद डीएसपी ने इस मामला में युवक को गिरफ्तार किया है। जहां छापेमारी के दौरान नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। डीएसपी प्रिया ज्योति के द्वारा बताया गया कि लोन दिलाने के नाम पर उन्हें फोन आया और फिर 20 मिनट में 5 लाख रुपया का लोन देने की बात कही गई। इसके बाद एक टीम गठन किया गया। और फिर साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार की गई है।
9 लोग धराए
छापेमारी के क्रम में कुल 9 लोगों को पकड़ा गया है। इस पूरी घटना की जानकारी वरीय अधिकारी को दी गई। और इस मामला में अनुसंधान तेज करते हुए आरोपित को पहले गिरफ्तार किया गया। यह पूरा मामला वारिसलीगंज प्रखंड के चकवाय गांव का है। जहां सभी गिरफ्तार आरोपित की पहचान नरेश दास का पुत्र प्रमोद कुमार, भोला चौधरी का पुत्र ज्योतिस कुमार, अनिल कुमार का पुत्र अमित कुमार, विजय सिंह की पत्नी रेणु देवी चकवाय गांव का रहने वाला है।वहीं बच्चन प्रसाद का पुत्र सुधांषु कुमार, मनोज ताती का पुत्र पारस कुमार, जो मीर बीघा का रहने वाला है।
कई सामान बरामद
वहीं भवानी बीघा का अशोक राम का पुत्र धीरज कुमार और खैरा गांव के चितरंजन सिंह का पुत्र पुप्पांजय कुमार, यह सभी वारिसलीगंज प्रखंड का है और कौवाकोल प्रखंड का भवानी बीघा गांव के श्रवग महतो का पुत्र सौरभ कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के पास से 19 मोबाइल, 1कार, 2 बाइक, आधार 2, पासबुक 2, पैन कार्ड 1, वोटर आई कार्ड 1, पासबुक 1 और कई सिम को पुलिस ने बरामद किया है। इन सभी साइबर अपराधियों के द्वारा लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने का काम किया जाता है। छापेमारी के दौरान पुलिस को काफी चुनौती का सामना भी करना पड़ा है।
पुलिस के उड़े होश
बता दें कि साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति पर जब साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों ने अटैक किया तो कहीं ना कहीं पुलिस की भी होश उड़ गई थी। इसके बाद पुलिस ने ऐसे गिरोह को पूरी तरह नष्ट करने के लिए टीम बनाकर ही छापेमारी की है। इसके बाद साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों में खलबली मच गई है। लेकिन पुलिस के द्वारा नष्ट करने की काफी कोशिश इन साइबर क्राइम करने वाले लोगों पर की जा रही है। लेकिन या अपने स्थान को बदल देते हैं और फिर दूसरे स्थान पर जाकर क्राइम करना शुरू कर देते हैं। हालांकि साइबर क्राइम करने वाले के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।