Corruption in Health Services of Bihar: बिहार के खगड़िया जिले में स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बाबू को रिश्वत लेते हुए साफ तौर पर देखा गया है। बिहार सरकार लगातार राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करती रही है। लेकिन खगड़िया जिले के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले इस दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं। हाल ही में, एक स्वास्थ्य कर्मी का रुपये लेते हुए वीडियो वायरल हुआ है, जिसने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
एक वायरल वीडियो में अलौली स्वास्थ्य केंद्र में स्थापना के बाबू, अशोक कुमार, को रुपये लेते हुए दिखाया गया है। हालांकि, वीडियो की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन यह मामला जांच का विषय बना हुआ है।यह पहला मामला नहीं है जब अलौली स्वास्थ्य केंद्र में भ्रष्टाचार की खबरें सामने आई हैं। पहले भी प्रसव के नाम पर और जन्म प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत लेने के मामले सामने आ चुके हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी, सीएस और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अलौली के नगर पार्षद प्रतिनिधि, मुलायम सिंह यादव ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य केंद्र में पैसों का लेन-देन आम बात है और आशा कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक इसमें शामिल हैं।
पिछले दिनों परबत्ता स्वास्थ्य केंद्र में भी एएनएम द्वारा प्रसव के दौरान रिश्वत लेने का मामला सामने आया था।ए एनएम के द्वारा घूस लेने के मामले में सोनू कुमार ने जिलाधिकारी खगड़िया, सी एस खगड़िया, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव,स्वास्थ्य प्रभारी अलौली को आवेदन देकर मामलों से अवगत भी कराया गया ।लेकिन मामलों को नाम मात्र का जांच कर खाना पूर्ति कर दिया गया।
खगड़िया स्वास्थ्य विभाग में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का दावा कितना खोखला है। स्थानीय लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है, जो बेहद चिंताजनक है। बहरहाल बिहार सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था जनता को देने और उस तक पहुंचाने के दावे कर रही है।लेकिन वीडियो देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीजों के प्ररति कितने संवेदनशील हैं।
रिपोर्ट- अमित कुमार