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BIHAR FLOOD बाढ सहायता के लिए बिहार सरकार ने केंद्र से मांगे 3638.5 करोड़ रुपए, क्षति का विस्तृत आकलन करने आयेगी केंद्रीय टीम

BIHAR FLOOD - प्रदेश में इस साल आई बाढ़ पीड़ितों के लिए बिहार सरकार ने 3638.5 करोड़ की मांग केंद्र से की है। आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष मांझी ने बताया कि इस साल बाढ़ से 20 लाख बाढ़ पीड़ितों की सहायता 605 करोड़ खर्च किए गए हैं।

BIHAR FLOOD  बाढ सहायता के लिए बिहार सरकार ने केंद्र से मांगे 3638.5 करोड़ रुपए, क्षति का विस्तृत आकलन करने आयेगी केंद्रीय टीम

PATNA - प्रावैधिकी एवं आपदा प्रबंधन मंत्री  डाक्टर संतोष कुमार सुमन ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष  बाढ़ग्रस्त 30 जिलों के लगभग 20 लाख पीड़ितों की मदद के लिए  605 करोड़ रुपए खर्च किये हैं और इस मद में  केंद्र सरकार से 3638.5 करोड़ रुपए मांगे हैं।  आपदा प्रबंधन मंत्री डाक्टर  सुमन ने शुक्रवार (18 अक्तूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार से मदद मांगने से पहले सरकार 3.21 लाख बाढ़ पीड़ितों के खाते में को 7-7 हजार रुपए के हिसाब से 225.25 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेज चुकी है. फसल क्षतिपूर्ति के लिए 491 करोड़ रुपये दिया गए हैं। 

डाक्टर सुमन ने कहा कि 20 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्थ सारथी अपनी सात सदस्यीय टीम के साथ आ रहे हैं. वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे और  दो दिनों के बाद उनके साथ राज्य सरकार के साथ  बैठक होगी।   उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम के साथ बैठक में  केंद्र सरकार से 3638.5 करोड़ रुपए की मांग  रखी जाएगी, जिससे बाढ़ पीड़ितों की सहायता और पुनर्वास के अधूरे काम किए जा सकें। 

डाक्टर संतोष सुमन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के संसाधन पर पहला हक आपदा पीड़ित जनता का मानते हैं। इसी आधार पर सरकार काम कर रही है और  बहुत जल्दी वैसे लोगों को डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि भी मिलेगी , जिनके घर बाढ़ग्रस्त इलाकों में टूट गये हैं या जिनके पशु  मरे हैं। क्षति का विस्तृत आकलन सरकार कर रही है। 

जहरीली शराब से सिवान, गोपालगंज और छपरा में  47 लोगों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री डाक्टर सुमन  ने कहा कि शराब तस्करी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है, लेकिन लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है.शराब  गरीबों को और गरीब और बीमार बनाती है, इसलिए इसे रोकने के लिए बिहार में शराबबंदी कानून लागू करना एक बड़ा सामाजिक फैसला था।


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