MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी काण्ड की पीड़िता सुनीता की ढाई वर्षों तक चले इलाज के दौरान कल मुजफ्फरपुर के SKMCH में मौत हो गई. आपको बता दें कि ढाई साल तक किडनी के अभाव में डायलीसिस पर जिंदगी मौत से जूझती किडनी कांड की पीड़िता सुनीता ने आखिरकार दम तोड़ दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर सुनीता की डिमांड एक बार फिर से तेज हो गई. सुनीता के मौत के बाद अब उसके तीन बच्चों को लेकर लोगों ने फ़िक्र जताई और तरह तरह के सवाल उठने शुरु हो गए थे. लेकिन इसी बीच सकरा के जदयू विधायक अशोक चौधरी ने सुनीता के बच्चों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया.
सुनीता के मौत के बाद सकरा विधानसभा के जदयू विधायक अशोक चौधरी ने बताया कि जब सुनीता के साथ किडनी वाली घटना हुई थी तो उन्होने ही सबसे पहले उसे अस्पताल पहुँचाया था. फिर उसका आर्थिक सहायता कर उसका इलाज कराया. हालांकि किडनी नहीं थी तो वो सिर्फ डायलिसीस पर जिन्दा थी. लेकिन अब सुनीता की मौत हो गई. ऐसे में सुनीता के तीनों बच्चों की देखभाल जदयू विधायक अशोक चौधरी खुद करेंगे और उसकी पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्चा उठाएंगे.
वही उन्होंने कहा कि मै खुद बिना किडनी का हूँ. डायलीसिस पर जीवित हूँ, तो सुनीता को कैसे मरने देता. मैंने उसे वादा किया था कि उसका रेगुलर डायलिसीस करवाऊंगा. डायलीसिस की वजह से सुनीता इतने दिनों तक जी सकी. हालांकि उसके पति ने किडनी देने की पेशकश की थी. लेकिन सुनीता ने अपने बच्चों की खातिर पति को किडनी देने से मना कर दिया.
आपको बता दें कि 2022 में सकरा प्रखंड के बरियारपुर चौक स्थित एक नर्सिंग होम में गर्भाशय के ऑपरेशन के नाम पर झोलाछाप डॉक्टर ने सुनीता की दोनों किडनी निकाल ली थी. उसके बाद से ही उसकी हालत ख़राब थी. दो साल से सुनीता SKMCH में भर्ती थी, जहाँ हर दूसरे दिन उसका डायलीसिस होता था. सोमवार को सुनीता ने आखिरकार दम तोड़ दिया.
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट