Bihar News - पटना जिले के दनियावां में शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 46 करोड़ की लागत से बने दनियावां बाइपास का उद्घाटन करने पहुंचे। उनके दनियावां पहुंचते ही जदयू के कई नेतागण एवं अधिकारियों ने उनके बुक्के देकर सम्मानित किया।मुख्यमंत्री ने सबसे पहले शीलापट से पर्दा उठाकर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया।
बता दें कि दनियावां बाजार में रेलवे क्रॉसिंग रहने के कारण प्रतिदिन लोगों को घंटों जाम में रहना पड़ता था। जिसके कारण कई एंबुलेंस भी फंसे रहते थे। इसे देखते हुए करीब सवा किलोमीटर लंबे रेल ओवर ब्रिज के साथ-साथ NH 30A का बाइपास बनाया गया है। जिसका काम पूरा होते ही शनिवार को मुख्यमंत्री के हाथों के कर कमल द्वारा उद्घाटन किया गया है। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित बने सड़क एवं पुल का निरीक्षण किया। इसके बाद से अब इस सड़क को आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है। इसके निर्माण हो जाने से बिहार शरीफ, नवादा, कोडरमा, हजारीबाग, रांची व टाटा जाने वाले वाहनों को जाम से मुक्ति मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा इस बाइपास का उद्घाटन करने से इस क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है और लोगों को उम्मीद है कि इससे उनकी यातायात की समस्या खत्म हो जाएगी और वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के कारकेट के गुजरने के दौरान कुछ किसानों ने नीतीश कुमार हाय हाय के नारेबाजी करना शुरू कर दिया। नारेबाजी करते देख डीसीएलआर और फतुहा एसडीपीओ निखिल कुमार मौके पर पहुंचकर सभी को समझा बूझकर शांत कराया। उसके बाद डीसीएलआर के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आप सभी का जो भी मुआवजा है जल्द से जल्द मिलेगा।
इस मामले को लेकर प्रोफेसर रामजी सिंह ने बताया कि हम लोग का यह मांग है कि दनियावां में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निरीक्षण के क्रम में दनियावां से केवई पैदल गए थे और स्थल निरीक्षण करके कहे थे कि सभी व्यक्तियों को आवासीय का मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन किसी एक को मिला है और बाकी सब को छोड़ दिया गया है। इसको लेकर 2018-19 में केस किया गया था । लेकिन अभी तक पटना के आयुक्त और कमिश्नर के यहां लंबित है। साल में एक या दो ही डेट मुश्किल से मिल पाता है उसमें भी कई डेट कैंसिल कर दिए जाते हैं।
प्रोफेसर रामजी सिंह ने कहा कि हम लोगों का कहना है कि आप नहीं सेटिस्फाइड है तो इसे कैंसल कर दीजिए। हम लोग हाई कोर्ट तक जाएंगे। केस में नियम है नेचर आफ लैंड समान हैं तो डिफरेंट रेट क्यों ? मुख्यमंत्री का घोषणा के बाद भी कलेक्टर और कमिश्नर दोनों टाल मटोल कर रहे हैं। इसलिए आज हम लोगों ने मुख्यमंत्री के गुजरते हुए कारकेट में नारेबाजी कर रहे हैं। जब तक हमलोग को आवासीय भुगतान नहीं होगा सड़क से न्यायालय तक आंदोलन जारी रहेगा।
पटना से रजनीश की रिपोर्ट