Bihta Airport: बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार को लेकर जिला प्रशासन जल्द ही बड़ा फैसला करेगा। एयरपोर्ट प्रशासन ने रनवे विस्तार के लिए 173 एकड़ भूमि की मांग की थी। जिसकी जांच रिपोर्ट एडीएम (राजस्व) की अध्यक्षता में गठित टीम ने तैयार कर सरकार को भेज दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस पर अगले 15 दिनों में निर्णय हो सकता है।
रिपोर्ट और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
15 नवंबर को एडीएम (राजस्व) अनिल कुमार की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय टीम ने स्थल निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार की। इसमें जिला भू अर्जन पदाधिकारी, दानापुर डीसीएलआर, पटना एयरपोर्ट के सहायक महाप्रबंधक भूमि प्रबंधन और नगर परिषद बिहटा के कार्यपालक पदाधिकारी शामिल थे।
बिहटा सीओ
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने इस रिपोर्ट को राज्य स्तर पर गठित समिति को भेज दिया है। पिछले एक महीने से यह मामला विचाराधीन है। रनवे विस्तार का प्रस्ताव 2500 मीटर से बढ़ाकर 3658 मीटर किया गया है। इसके लिए पश्चिम दिशा में कोरहर गांव की ओर 1158 मीटर विस्तार करने की योजना है।
इतने मकानों की होगी पुनर्वास
इसमें कोरहर गांव के143 पक्के मकान,103 कच्चे मकान,7 धार्मिक स्थल (1 मजार और 6 मंदिर) कुल 253 संरचनाएं हटाई जाएंगी। 246 परिवारों को पुनर्वास की आवश्यकता होगी। वहीं पूरब दिशा में विस्तार की स्थिति पूरब दिशा में 173.50 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। हवाई अड्डा चहारदिवारी से लगभग 500 मीटर की दूरी पर बिहटा-मनेर पथ है। इसीलिए यहां अंडरपास बनाने की जरूरत होगी या चाहरदिवारी के बाहर से लगभग 2.50 किमी ग्रीनफील्ड चार लेन सड़क बनाने की आवश्यकता होगी। इस एरिया में भी 173 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जरूरत होगी, जिस पर 482 करोड़ तथा पुनर्वास पर 542 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। कोरहर गांव के लोगों ने भी इस क्षेत्र में रनवे विस्तार का विरोध किया है।
रनवे के विस्तार के लिए 173.50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता
इस क्षेत्र में शर्फुद्दीनपुर गांव है। 119 पक्का मकान, 35 कच्चा मकान, एक मस्जिद और एक मजार है। कुल 154 परिवारों को पुनर्वास की आवश्यकता होगी। हवाई अड्डा की चहारदिवारी से सटे एक कब्रिस्तान भी है। यह दो एकड़ में है। ऐसे में उसे भी हटाना होगा। 350 मीटर दूरी तक आईओसीएल की गैस पाइप लाइन भी है। रनवे विस्तार के लिए पूरब दिशा में 173.50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इस पर लगभग 392 करोड़ खर्च होंगे। पुनर्वास पर 452 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। यहां के लोगों ने कब्रिस्तान को हटाए जाने को लेकर पहले ही विरोध किया है।
8 एकड़ भूमि पर टर्मिनल भवन निर्माण के लिए अधिग्रहण
जिला प्रशासन ने पहले ही 114 एकड़ भूमि अधिग्रहित की है। इसमें से 106 एकड़ भूमि एयरपोर्ट प्रशासन को हस्तांतरित कर दी गई है। शेष 8 एकड़ भूमि पर टर्मिनल भवन निर्माण के लिए अधिग्रहण कार्य जारी है। यदि रनवे विस्तार के लिए अतिरिक्त 173 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाती है, तो कुल भूमि क्षेत्र 287 एकड़ हो जाएगा।
स्थानीय विरोध और चुनौतियां
कोरहर गांव: धार्मिक स्थलों और मकानों के हटाने को लेकर विरोध। शर्फुद्दीनपुर गांव: कब्रिस्तान हटाने को लेकर आपत्ति। बता दें कि, रनवे विस्तार से बिहटा एयरपोर्ट को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय विरोध और पुनर्वास के मुद्दों को हल करना एक बड़ी चुनौती होगी।