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Bihar News: बिहार के DGP ने जब सुना...मुख्यमंत्री कोई गलती नहीं करता, इसके बाद कान खड़े हुए, तब उन्होंने CM के आदेशों को नहीं बल्कि कानून को ढाल बनाया

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PATNA: बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अभयानंद को कौन नहीं जानता . बिहार में डीजीपी रहते इन्होंने कई ऐतिहासिक कदम उठाये थे. ईमानदार,कड़क और पुलिस में सुधार करने में अगर किसी डीजीपी की चर्चा होती है तो वो हैं अभयानंद. नीतीश सरकार में बतौर डीजीपी रहते कानून का राज स्थापित करने को लेकर इनके कार्य़ अविस्मरणीय हैं. बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद सोशल मीडिया में एक-एक कर पुरानी बातों को लोगों को बताते हैं. हाल ही में लोगों को बताया था कि कैसे हमने मुख्यमंत्री के कानून व्यवस्था सलाहकार की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया था. आज कहा है कि जब मुख्यमंत्री ने ये कहा कि वो कोई गलती नहीं करते. जब मैने मुख्यमंत्री से यह बात सुनी, मेरे कान खड़े हो गए। 

मैंने अपना ढाल कानून को बना लिया न कि मुख्यमंत्री के आदेशों को

बिहार के पूर्व डीजीपी अपने कार्यकाल की बातें याद करते हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज फेसबुक पर लिखा है, " मुख्यमंत्री कोई गलती कर ही नहीं सकता ! वह जो भी निर्णय लेता है, वो सामूहिक होता है. जब मैंने यह मुख्यमंत्री से सुना, तो मेरे कान खड़े हो गए. मैंने अपना ढाल कानून को बना लिया न कि मुख्यमंत्री के आदेशों को.''  अभयानंद के ये तीन वाक्य काफी महत्वपूर्ण हैं. जो यह बताता है कि एक ईमानदारी पुलिस अधिकारी के लिए मुख्यमंत्री का आदेश नहीं बल्कि कानून सर्वोपरी है.

 DGP ही सलाहकार रहेगा अन्यथा मैं चला

बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने पुराने दिनों को याद करते हुए लिखा था...''वर्ष 2013 में सरकार एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी को विधि-व्यवस्था सलाहकार नियुक्त कर रही थी. मैंने स्पष्ट कर दिया कि DGP ही सलाहकार रहेगा अन्यथा मैं चला..जो सलाह दे, वही क्रियान्वित करे.''

 25 अगस्त 2011 को डीजीपी नियुक्त हुए थे अभयानंद 

बिहार कैडर के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अभयानंद को 25 अगस्त 2011 कोबिहार का डीजीपी नियुक्त किया गया था. उन्होंने 31 अगस्त 2011 को राज्य के 48वें डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला था. अभयानंद ने 2011 से 2014 तक बिहार के डीजीपी के रूप में कार्य किया.

अभयांनद को पुलिस में व्यापक सुधार करने वाले डीजीपी के रूप में जाना जाता है

अभयानंद को बिहार में पुलिस सुधार रूपी डीजीपी के रूप में जाना जाता है.आपराधिक कांडों की त्वरित सुनवाई और अपराधियों को सजा दिलाने को लेकर स्पीडी ट्रायल कराने की शुरूआत इन्होंने ही कराई थी.  जिला न्यायपालिका ने स्पीडी ट्रायल के माध्यम से बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा सुनाई थी.अभयानंद ने कल्पना की थी कि अपराध करने वालों को जल्द सजा दिलाई जाय तो कानून तोड़ने वालों में कानून का डर पैदा होगा. इस पहल ने दुनिया भर में कई लोगों का ध्यान बिहार की तरफ खींचा थी .धीरे-धीरे स्पीडी ट्रायल की रफ्तार सुस्त पड़ गई. वर्तमान में स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है. लिहाजा अपराधियों का मनोबल फिर से सातवें आसमान पर है. उनके मन से कानून का भय समाप्त हो गया है. 

पूर्व सैन्यकर्मियों की बहाली अभयानंद ने ही कराई 

पुलिस को ताकतवर बनाने को लेकर भी अभयनांद ने कई कदम उठाए.अभयानंद ने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की भर्ती करने का विचार लेकर आए। यह देखते हुए कि पूर्व सैन्यकर्मी पहले से ही हथियारों और युद्ध में प्रशिक्षित थे, उनके लिए कोई अतिरिक्त समय की आवश्यकता नहीं थी। वे पहले दिन से ही योगदान देने के लिए तैयार थे। नीतीश सरकार ने इस विचार को अपनाया और कुछ ही दिनों में बिहार सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों की भर्ती की,जिसे सैप के नाम से जानते हैं. आज भी यह व्यवस्था जारी है. 

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