PATNA: पटना में मेट्रो निर्माण के दौरान हुए हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद अब यह सामने आ रहा है कि प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मीडिया टीम को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, 28 अक्टूबर को पटना विश्वविद्यालय के पास मेट्रो टनल में एक हादसा हुआ था। इस हादसे में लोकोमोटिव मशीन के ब्रेक फेल हो जाने से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी। दो मजदूर की मौत मौके पर ही हो गई थी। वहीं एक की मौत बीते 7 नवंबर को इलाज के दौरान हो गई।
हादसे की जांच के लिए पटना पहुंची DMRC की टीम
घटना के करीब 14 दिन के बाद डीएमआरसी की टीम एक्शन में आई है। इस मामले की जांच के लिए डीएमआरसी की टीम पटना पहुंची। डीएमआरसी की टीम सुबह सुबह पटना कॉलेज के पास जांच करने पहुंची। जांच टीम में शामिल अधिकारियों ने घटना स्थल पर बारीकी से जांच की। वहीं सूत्रों की मानें तो इस बार पीआर एजेंसी के खिलाफ गाज गिरना तय माना जा रहा है। वहीं बड़े अधिकारियों को बचाने की तैयारी में है।
गलतियों को छिपाने की तैयारी !
दरअसल, हादसे की जांच में सामने आया है कि हादसे के लिए प्रबंधन में कोऑर्डिनेशन की कमी जिम्मेदार हो सकती है। पटना मेट्रो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के लगातार बदलने से काम में बाधा आ रही थी। सूत्रों के अनुसार, पटना मेट्रो के प्रबंधन में पेशेवरों की जगह राजनीति का बोलबाला है। प्रबंधन अपनी गलतियों को छिपाने के लिए मीडिया टीम को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा है। जबकि, ये हादसा टनल के अंदर हुआ था, वहां पर चल रहे काम की मॉनिटरिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी या फिर इंजीनियर कामगारों के साथ करते हैं।
मीडिया टीम पर आरोप
प्रबंधन का आरोप है कि मीडिया टीम ने हादसे के बारे में सही जानकारी नहीं दी। लेकिन हादसा टनल के अंदर हुआ था, जहां मीडिया टीम की पहुंच नहीं थी। मालूम हो कि, पटना विवि के पास मेट्रो टनल में लोकोमोटिव मशीन के ब्रेक फेल होने के कारण सात मजदूर दब गए थे। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में घायल तीसरे मजदूर श्याम राम का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था, लेकिन 7 नवंबर को उसकी भी मौत हो गई।