Bihar Crime:फर्जी लूटकांड का पर्दाफाश, खुद फाइनेंस कर्मी ही जांच के घेरे में, पुलिस ने हिरासत में लिया
Bihar Crime:एक फाइनेंस कंपनी के कर्मी ने लूट की शिकायत दर्ज कराई। उसने दावा किया कि बाइक सवार दो अपराधियों ने हथियार के बल पर उससे वसूली का पैसा लूट लिया।

N4N डेस्क: बिहार के मुजफ्फरपुर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक फाइनेंस कंपनी के कर्मी ने लूट की शिकायत दर्ज कराई। उसने दावा किया कि बाइक सवार दो अपराधियों ने हथियार के बल पर उससे वसूली का पैसा लूट लिया। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस ने जांच की परतें खोलीं, मामला पूरी तरह पलट गया और अब लूट की झूठी कहानी गढ़ने वाला वही कर्मी पुलिस की पूछताछ के घेरे में आ गया है।
रीतेश कुमार नामक यह फाइनेंस कर्मी बृजबिहारी गली स्थित एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करता है। उसने पुलिस को बताया कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे वह साप्ताहिक वसूली का पैसा लेकर लौट रहा था। तभी सरस्वती चौक के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने घेरकर लूटपाट की और फरार हो गए।
उसने थानेदार विजयलक्ष्मी को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही ब्रह्मपुरा थाने की टीम और एसडीपीओ टाउन टू विनीता सिन्हा मौके पर पहुंचीं।
पुलिस ने सरस्वती चौक और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। नतीजा चौंकाने वाला था लूटपाट जैसी कोई वारदात फुटेज में नहीं दिखी। रीतेश कुमार पैदल जाता दिखा, लेकिन उसके आगे-पीछे कोई संदिग्ध बाइक सवार नजर नहीं आया। फुटेज में घटना के आधा घंटे पहले और बाद तक भी किसी संदिग्ध की गतिविधि नहीं मिली।इतना ही नहीं, पास की चाय दुकान की महिला दुकानदार से पूछताछ हुई। उसने भी साफ कहा कि उसने किसी लूटपाट जैसी घटना नहीं देखी।
एसडीपीओ विनीता सिन्हा ने साफ कहा कि शिकायत पूरी तरह संदिग्ध पाई गई है। मौके पर जुटाए गए सबूतों से लूट की बात साबित नहीं हो रही है।फिलहाल पुलिस ने फाइनेंस कर्मी रीतेश कुमार को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। शक जताया जा रहा है कि या तो पैसे में हेरफेर छुपाने के लिए यह कहानी गढ़ी गई, या फिर किसी अन्य मकसद से लूट का झूठा नाटक रचा गया।
मुजफ्फरपुर पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने में जुटी है। सवाल उठ रहा है आखिर रीतेश कुमार ने लूट की झूठी कहानी क्यों गढ़ी?क्या इसमें किसी बड़े गबन या गड़बड़ी की परत छिपी है?या फिर यह महज फाइनेंस कंपनी की रकम हड़पने का प्रयास था?जवाब पुलिस की पूछताछ से सामने आएंगे, लेकिन इतना तय है कि मुजफ्फरपुर का यह लूटकांड असली नहीं, बल्कि नकली स्क्रिप्ट निकला।