Muzaffarpur Transgenders: साबरमती एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में ट्रांसजेंडरों का आंतक, जबरन यात्री से छिने सोने की अंगूठी, 900 रुपये भी हड़पे
साबरमती एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में ट्रांसजेंडरों द्वारा यात्री से जबरन अंगूठी छीने जाने की घटना ने रेलवे की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानिए इस प्रकरण की पूरी सच्चाई।

Muzaffarpur Transgenders: मुजफ्फरपुर से गुजर रही साबरमती एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 19165) में रविवार की शाम एक अप्रत्याशित घटना घटी। बी-1 थर्ड एसी कोच में यात्रा कर रहे अनागम सिद्धार्थ और उनके भाई साकेत कृष्णम ने आरोप लगाया कि आधा दर्जन किन्नर कोच में घुस आए और पहले तो 500 रुपये वसूले, फिर कीमती अंगूठी भी छीन ली।यह घटना न सिर्फ सुरक्षा की अनदेखी को दर्शाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे प्रशासनिक तंत्र यात्रा के दौरान यात्रियों की रक्षा में असफल हो रहा है।
अफरातफरी का माहौल: यात्रियों में दहशत
जैसे ही किन्नर पैसे मांगने लगे और ज़बरदस्ती सामान छीनने लगे, पूरे कोच में अफरातफरी मच गई। कई यात्री भयभीत हो गए और कुछ चुपचाप तमाशा देखते रहे। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि ट्रेन में मौजूद सुरक्षा कर्मी या रेलवे स्टाफ ऐसी घटनाओं को रोकने में कितने निष्क्रिय हैं।सिद्धार्थ के अनुसार, जब उन्होंने रेलवे स्टाफ से मदद मांगी, उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। इससे यह स्पष्ट होता है कि यात्रियों को अपने दम पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी पड़ती है, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है।
अंगूठी की वापसी:और भी पैसे लेकर लौटा दी गई
घटना के बाद सिद्धार्थ और अन्य यात्रियों ने किन्नरों से अंगूठी वापसी के लिए मिन्नतें की। लगभग एक घंटे की जद्दोजहद के बाद और 400 रुपये और देने के बाद, किन्नरों ने अंगूठी लौटा दी।यह एक तरह से रिवर्स लूट थी पहले जबरन छीना गया और फिर उसके लिए और पैसा लेकर लौटाया गया। यह दृश्य न केवल पीड़ित के लिए, बल्कि रेलवे की छवि के लिए भी शर्मनाक था।
रेल प्रशासन की सुस्ती: 15 घंटे बाद पूछताछ
इतनी बड़ी घटना के बावजूद रेलवे पुलिस बल (RPF) ने तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की। केवल जब यात्रियों ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर रेल मंत्रालय और अधिकारियों को टैग किया, तब जाकर मामला थोड़ा संज्ञान में आया।समस्तीपुर RPF टीम ने घटना के 15 घंटे बाद पीड़ित से पूछताछ शुरू की, जो रेलवे प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
यात्रियों का आम अनुभव: किन्नरों से झुंझलाहट
ऐसी घटनाएं नई नहीं हैं। भारतीय रेल में सफर करने वाले यात्रियों को अक्सर किन्नरों के जबरन पैसे मांगने की घटनाओं से दो-चार होना पड़ता है।किन्नर अक्सर ट्रेन के डिब्बों में घुसकर तालियां बजाते हुए यात्रियों से पैसा मांगते हैं। अगर कोई यात्री इनकार करता है, तो वे अपशब्द कहने, छूने या डराने की कोशिश करते हैं। यह व्यवहार यात्रियों के लिए मानसिक तनाव का कारण बनता है।