Mann Ki bat: मन की बात में गूँजी मुजफ्फरपुर की सोलर दीदी की कहानी, पीएम मोदी ने किया ज़िक्र, जिलावासी गर्वित

Mann Ki bat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेअपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में एक बार फिर बिहार का नाम रोशन कर दिया। ....

Mann Ki bat: मन की बात में गूँजी मुजफ्फरपुर की सोलर दीदी की
मन की बात में गूँजी मुजफ्फरपुर की ‘सोलर दीदी’ की कहानी- फोटो : reporter

Mann Ki bat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में एक बार फिर बिहार का नाम रोशन कर दिया। इस बार मंच पर आईं मुजफ्फरपुर की एक साधारण महिला, जो अपने संघर्ष और मेहनत से पूरे क्षेत्र की पहचान बन गई हैं। ये हैं देवकी देवी, जिन्हें अब लोग ‘सोलर दीदी’ के नाम से जानते हैं।

पीएम मोदी ने उनके काम और जज़्बे को देश-दुनिया के सामने रखते हुए कहा कि देवकी देवी ने सौर ऊर्जा के माध्यम से खेती और किसानों की ज़िंदगी बदलने का काम किया है। उन्होंने न केवल अपनी ज़मीन पर सौर पंप लगाकर सिंचाई का स्थायी समाधान खोजा, बल्कि आसपास के किसानों को भी इस रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। नतीजा यह हुआ कि इलाके में फसल उत्पादन बढ़ा, किसानों की आमदनी में इज़ाफा हुआ और पर्यावरण संरक्षण का भी उदाहरण सामने आया।

देवकी देवी की मेहनत को सलाम करते हुए पीएम मोदी ने पूरे देशवासियों से अपील की कि वे भी सौर ऊर्जा को अपनाएं और हर घर-हर खेत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दें। प्रधानमंत्री ने कहा—“देवकी दीदी जैसी नारी शक्ति आज पूरे देश की प्रेरणा बन रही है। सौर पैनल और सौर पंप अब सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा की गारंटी हैं।”

मुजफ्फरपुर के ग्रामीण इलाकों से निकलकर देशभर में पहचान बनाने वाली इस कहानी से स्थानीय लोग बेहद गर्वित हैं। लोगों का कहना है कि पीएम के मंच से जब उनकी धरती की बेटी का नाम गूंजता है तो इससे पूरे समाज को प्रेरणा मिलती है।

इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई तबाही पर भी संवेदना जताई। उन्होंने बताया कि इस बार बारिश ने कई राज्यों की कड़ी परीक्षा ली है, लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा बल ने दिन-रात मेहनत कर लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया है।

मन की बात के इस एपिसोड में मुजफ्फरपुर की ‘सोलर दीदी’ देवकी देवी की कहानी सिर्फ़ सफलता की दास्तान नहीं, बल्कि बदलाव और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरी है। आज वे सिर्फ़ अपने गांव की नहीं, बल्कि पूरे बिहार की पहचान बन चुकी हैं।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा