Bihar Asseembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की नई रणनीति! भूमिहारों को साधने में जुटे तेजस्वी यादव, जानें वजह

Bihar Asseembly Election 2025: कभी RJD से दूर रहने वाला भूमिहार समाज अब पार्टी की प्राथमिकता बन गया है। तेजस्वी यादव की इस नई रणनीति से साफ है कि RJD अब जाति से ऊपर उठकर सभी वर्गों को जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

Bihar Asseembly Election 2025
तेजस्वी की नई सोच- फोटो : social media

Bihar Asseembly Election 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का रुख इस बार कुछ अलग नजर आ रहा है। पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अब अपनी राजनीति का फोकस उन वर्गों पर भी बढ़ा दिया है, जिनसे कभी आरजेडी का रिश्ता दूरियों भरा रहा। खास तौर पर भूमिहार समाज को लेकर पार्टी का रुख काफी नरम हुआ है।

तेजस्वी की नई सोच ‘ए टू ज़ेड’ पार्टी की दिशा में कदम

तेजस्वी यादव अब आरजेडी को एक जाति विशेष की पार्टी के बजाय ए टू ज़ेड पार्टी के रूप में पेश करना चाहते हैं। उन्होंने महसूस किया है कि भले ही भूमिहारों की आबादी बिहार में कम हो, लेकिन राजनीतिक नैरेटिव बनाने में उनकी भूमिका अहम रहती है। यही वजह है कि तेजस्वी पिछले कुछ वर्षों से लगातार भूमिहार इलाकों में सक्रिय हैं।

एमएलसी टिकट से दिखा भूमिहार प्रेम

2020 के विधानसभा चुनाव के बाद आरजेडी ने कई भूमिहार नेताओं को एमएलसी टिकट देकर यह संकेत दिया कि अब पार्टी सबको साथ लेकर चलना चाहती है। इंजीनियर सौरभ, कार्तिक मास्टर और अजय सिंह इन तीनों नेताओं ने न सिर्फ आरजेडी का टिकट पाया, बल्कि अपनी वफादारी से तेजस्वी यादव का भरोसा भी जीता।

पुराने विरोधी बने सहयोगी

कार्तिक मास्टर पहले बाहुबली अनंत सिंह के करीबी माने जाते थे, लेकिन बाद में आरजेडी के टिकट पर जीतकर तेजस्वी के समर्थक बन गए। मुकदमे के चलते मंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। इसी तरह लक्खीसराय के एमएलसी अजय सिंह और इंजीनियर सौरभ ने भी आरजेडी के पक्ष में मजबूती से खड़े रहकर तेजस्वी का भरोसा जीता।

नीतीश के खिलाफ आवाज उठाने वाले भूमिहार नेता

जदयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने 2024 में नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। अब उन्हें आरजेडी ने परबत्ता विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।इसी तरह बरबीघा के विधायक सुदर्शन सिंह, जो पहले जदयू में थे, अब पार्टी से नाराज हैं और माना जा रहा है कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।

मुन्ना शुक्ला की बेटी को मिला टिकट

वैशाली के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को आरजेडी ने लालगंज सीट से उम्मीदवार बनाया है। यह कदम बताता है कि पार्टी अब भूमिहार परिवारों को भी सम्मान और पहचान देने की कोशिश कर रही है।

सूरजभान सिंह परिवार का भी झुकाव आरजेडी की ओर

पूर्व एलजेपी नेता सूरजभान सिंह ने पशुपति पारस से दूरी बनाकर आरजेडी का साथ थामा है। अब उनकी पत्नी को आरजेडी ने मोकामा से अनंत सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है।