Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले RJD को लगा तगड़ा झटका! इस नेता को कोर्ट से नहीं मिली राहत, उम्रकैद की सजा को बरकरार रखने का लिया फैसला

Bihar Politics: सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में राजद मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में मुन्ना शुक्ला की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है।

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Bihar Politics- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Politics:  भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1998 में हुए बहुचर्चित बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में आरोपी राजद नेता विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका के लिए कोई कानूनी आधार नहीं बनता।

पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई 2025 को जो आदेश अपलोड किया, उसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की याचिकाएं खारिज कर दीं।

अदालत ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम 3 अक्टूबर 2024 के अपने अंतिम निर्णय की समीक्षा के लिए कोई मजबूत कानूनी आधार नहीं देखते। इसलिए, पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं। यह टिप्पणी पुनर्विचार याचिका दायर करने वालों के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि जब तक कोई नया, ठोस सबूत या स्पष्ट त्रुटि ना हो, तब तक ऐसे मामलों में राहत की संभावना नहीं होती।

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कौन थे बृज बिहारी प्रसाद?

बृज बिहारी प्रसाद एक प्रभावशाली ओबीसी नेता थे और बिहार में लालू यादव सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके थे। उनकी पहचान एक जनप्रिय नेता के रूप में थी। वे पूर्व भाजपा सांसद रमा देवी के पति भी थे।उनकी हत्या वर्ष 1998 में पटना के इंदिरा गांधी हृदय संस्थान के बाहर की गई थी। जांच में यह सामने आया कि इस हत्याकांड को उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला के इशारे पर अंजाम दिया गया था, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया।

कोर्ट ने आत्मसमर्पण का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को 15 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा ताकि वे आजीवन कारावास की सजा भुगत सकें।साथ ही, कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आंशिक फैसले को पलट दिया, जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था।हालांकि, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और अन्य पांच आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का पटना हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा गया।

2024 में राजद उम्मीदवार थे मुन्ना शुक्ला

दिलचस्प बात यह है कि मुन्ना शुक्ला, जो अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़े हुए हैं, 2024 के लोकसभा चुनाव में वैशाली सीट से पार्टी के उम्मीदवार भी बनाए गए थे। यह कदम उस समय राजनीतिक विवादों का कारण बना, जब कोर्ट में मामला अंतिम चरण में था।अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, उनकी राजनीतिक भविष्य की राह मुश्किल हो सकती है, क्योंकि वे उम्रकैद की सजा के अंतर्गत जेल भेजे जाएंगे।