Bihar politics - दलित बच्ची की मौत पर अब चिराग ने भी मांगा इंसाफ, सीएम को चिट्ठी लिखकर कहा – मौन नहीं रह सकते, घटना को बताया मानवता के साथ अपराध

Bihar politics - मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची की मौत के मामले में चिराग पासवान ने बिहार सरकार को लेटर लिखकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। चिराग ने कहा यह ऐसी घटना है, जिस पर मौन नहीं रह सकते हैं।

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Patna - मुजफ्फरपुर की एक दलित बच्ची की मौत ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। जहां विपक्ष को इस घटना ने सरकार के खिलाफ एक बार फिर नाकाम साबित करने का मौका दे दिया है। वहीं एनडीए में भी इस घटना को लेकर अब दोषियों पर कार्रवाई की मांग होने लगी है। लोजपारा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस घटना पर दुख जाहिर किया है। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सीएम को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा कि हम इस पर मौन नहीं रह सकते हैं. यह मानवता के साथ अपराध है।

चिराग ने अपनी चिट्ठी में लिखा है 

दिनांक 26 मई को मुज़फ्फरपुर ज़िले के कुढ़नी क्षेत्र में 9 वर्षीय दलित बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर नृशंस हत्या की प्रयास की घटना ने सम्पूर्ण बिहार को झकझोर दिया है। यह हृदयविदारक घटना न केवल एक मासूम जीवन की बर्बर हत्या है, बल्कि हमारे राज्य की कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की गहन विफलता को भी उजागर करती है।

पीड़िता ने 6 दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष किया, किंतु 1 जून को PMCH, पटना में उसने दम तोड़ दिया। दुर्भाग्यवश, बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लगातार छह घंटे तक उसे एम्बुलेंस में ही तड़पते हुए इंतज़ार करवाया गया।

यह तथ्य अत्यंत पीड़ादायक है कि - जिन दरिंदों ने उस मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, वे जितने दोषी हैं, उतने ही दोषी PMCH अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासनिक स्टाफ भी हैं, जिन्होंने बच्ची को बचाने के लिए जरूरी उपचार देने के बजाय उसे एंबुलेंस में ही छोड़ दिया और उसके इलाज में अमूल्य समय गवां दिया। यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि मानवता के विरुद्ध अपराध है।

हम, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रतिनिधियों के रूप में पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिला चुके हैं। लेकिन जब तक शासन और प्रशासन दोनों स्तरों पर इस घटना से जुड़े हर दोषी पर सख्त और पारदर्शी कार्रवाई नहीं होती, तब तक न्याय अधूरा और अस्वीकार्य रहेगा।

1. इस जघन्य अपराध में शामिल सभी बलात्कारियों को शीघ्र गिरफ़्तार कर उन्हें कठोरतम दंड दिया जाए।

2. PMCH अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और स्टाफ की भूमिका की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।

3. इलाज में जानबूझकर देरी और अमानवीयता दिखाने वाले कर्मियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर तुरंत सेवा से निलंबन एवं कठोर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह घटना केवल एक बच्ची की मृत्यु नहीं है, यह हमारे सामाजिक तंत्र और राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी की विफलता का प्रतीक बन चुकी है। यदि इस पर भी शासन मौन रहा, तो यह मौन ही सबसे बड़ा अपराध बन जाएगा।

आपसे अपेक्षा है कि आप इस मामले में त्वरित, निर्णायक और उदाहरण स्थापित करने वाली कार्रवाई करेंगे।