'गरीब रथ एक्सप्रेस' का बदले नाम, कांग्रेस सांसद ने संसद में लालू यादव द्वारा चलाए ट्रेन पर उठाया सवाल, भारी बवाल
संसद में कांग्रेस सांसद ने लालू यादव द्वारा चलाए गए गरीब रथ ट्रेन पर सवाल खड़ा किया है, सांसद ने दलील दी है कि ट्रेन के नाम से आम लोगों में नाराजगी है...

संसद में कांग्रेस सासंद ने राजद सुप्रीमो लालू यादव द्वारा चलाए गए ट्रेन पर ही सवाल उठा दिया। साथ ही साथ उन्होंने ट्रेन का नाम भी बदलने को कह दिया। दरअसल,कांग्रेस के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने संसद में ‘गरीब रथ एक्सप्रेस’ ट्रेनों के नाम पर सवाल उठाते हुए इसे गरीब और मध्यम वर्ग के आत्मसम्मान के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि यह नाम उन लोगों की गरिमा को ठेस पहुंचाता है जो मेहनत से अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।
गरीब को नाम से पहुंचती है ठेस
बुधवार को लोकसभा में सवाल उठाते हुए औजला ने कहा, क्या सरकार इस बात से अवगत है कि ‘गरीब रथ’ नाम अब सस्ती AC यात्रा का प्रतीक न होकर एक दया भाव या अपमानजनक शब्द बन गया है? खासकर अमृतसर जैसे शहरों के मेहनतकश लोग इस सेवा का उपयोग करते हैं और इस नाम से उन्हें ठेस पहुंचती है।
गरीब रथ का बदले नाम
उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या ‘गरीब रथ’ ट्रेनों के नाम को बदलने की कोई योजना है, जिससे यह सशक्तिकरण, समावेशन और राष्ट्रीय गौरव जैसे मूल्यों को दर्शा सके। औजला ने कहा कि ‘गरीब’ और ‘रथ’ जैसे शब्द एक-दूसरे के विपरीत प्रतीत होते हैं और इस शब्दावली को अनुचित बताते हुए उन्होंने इसे बदलने की मांग उठाई।
लालू यादव ने की थी शुरुआत
गौरतलब है कि ‘गरीब रथ’ ट्रेनों की शुरुआत वर्ष 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी। इन पूरी तरह वातानुकूलित ट्रेनों का उद्देश्य था कि गरीब और मध्यम वर्गीय लोग भी सस्ती दरों पर AC यात्रा का लाभ उठा सकें। यह ट्रेनें कम किराए में लंबी दूरी की सुविधाजनक यात्रा प्रदान करती हैं और देश के कई राज्यों को आपस में जोड़ती हैं।
रेल मंत्री का जवाब
औजला ने बताया कि इस ट्रेन के नाम को लेकर आम लोगों की नाराजगी है और एक प्रतिनिधिमंडल ने भी उनसे मुलाकात कर इस नाम को बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस सेवा के उद्देश्य को दर्शाने के लिए अन्य उपयुक्त और प्रेरणादायक नाम रखे जा सकते हैं। सांसद के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गरीब रथ ट्रेनों का नाम बदलने को लेकर न तो अभी तक कोई आधिकारिक अनुरोध प्राप्त हुआ है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।
मध्यम वर्ग के लिए 14 ट्रेन संचालित
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय रेलवे का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना है। रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे ने वंदे भारत और अमृत भारत जैसी सेवाओं की शुरुआत की है। जिनका मकसद यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं देना है। वंदे भारत सेवाएं तेज गति और बेहतर सुरक्षा के लिए जानी जाती हैं। वहीं अमृत भारत सेवाएं पूरी तरह से गैर-AC आधुनिक ट्रेनें हैं जो विशेष रूप से कम और मध्यम आय वर्ग के यात्रियों के लिए शुरू की गई हैं। फिलहाल ऐसी 14 ट्रेन सेवाएं देशभर में संचालित हो रही हैं।