Thanedar suspended: पटना में केस दबाने वाले थानेदार निलंबित, नाबालिग से दुष्कर्म पर न्याय को मिली ठेस, संवेदनाओं को झकझोर देने वाली लापरवाही उजागर

Thanedar suspended: पटना ज़िले के दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र से इंसानियत को शर्मसार और कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है।...

Dulhinbazar police station officer
पटना में केस दबाने वाले थानेदार निलंबित- फोटो : social Media

Thanedar suspended: पटना ज़िले के दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र से इंसानियत को शर्मसार और कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है। एक नाबालिग पीड़िता ने अपने चचेरे जीजा पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, लेकिन जब वह न्याय की उम्मीद लेकर थाने पहुंची, तो वहां उसे मदद की बजाय ठग लिया गया। आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बजाय थानेदार ने मामले को दबाने की कोशिश की और धोखे से पीड़िता से यह लिखवा लिया कि उसे किसी से कोई शिकायत नहीं है।

यह घटना अप्रैल महीने की है, लेकिन पीड़िता को जब हाल ही में इस लीपापोती की जानकारी मिली, तो उसने हिम्मत जुटाकर पुलिस महकमे के शीर्ष अधिकारियों से संपर्क साधा। चार दिन पहले वह डीजीपी से मिली और पूरे मामले की व्यथा सुनाई। डीजीपी के आदेश पर एसएसपी अवकाश कुमार ने पालीगंज डीएसपी-2 से विस्तृत जांच करवाई। जांच में थानेदार भृगुनाथ सिंह की घोर लापरवाही और मामले को दबाने की कोशिश की पुष्टि हुई।

जांच में यह भी पाया गया कि न केवल आवेदन के साथ छेड़छाड़ की गई, बल्कि CCTV फुटेज की जांच से स्पष्ट हुआ कि पीड़िता की बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। इन तथ्यों के आधार पर एसएसपी ने शुक्रवार को थानेदार को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की घोषणा की।

यह मामला न केवल पुलिस की संवेदनहीनता की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब रक्षक ही भक्षक बनने लगे, तो न्याय पाना एक संघर्ष बन जाता है। पीड़िता की हिम्मत और दृढ़ता ने प्रशासन को कार्रवाई के लिए विवश किया, लेकिन यह भी साफ है कि पुलिस महकमे को अपने आचरण और जवाबदेही को लेकर गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है।