International tiger day – बिहार की जलवायु बाघों के लिए अनुकूल, 12 साल में आठ गुनी बढ़ी संख्या
International tiger day - बिहार में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां की जलवायु उनके प्रजनन के लिए सबसे बेहतर है। यह बात वन विभाग के एसीएस ने कही।

Patna - अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर मंगलवार को संजय गांधी जैविक उद्यान में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में विभाग के मंत्री डॉ सुनील कुमार एवं अपर मुख्य सचिव मोहदया हरजोत कौर बम्हरा सहित विभाग के अधिकारियों ने चिड़ियाघर के बाघ एन्क्लोजर का निरीक्षण किया। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर आधारित छात्र पेंटिंग एवं क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
पेंटिंग प्रतियोगिता के ग्रुप ए में प्रथम स्थान डीपीएस स्कूल , द्वितीय लोयोला हाई स्कूल,एवं तृतीय स्थान संत माइकल हाई स्कूल को मिला। ग्रुप बी में डीपीएस स्कूल ने प्रथम स्थान , द्वितीय स्थान लोयोला हाई स्कूल, तृतीय स्थान रेडियंट इंटरनेशनल स्कूल को प्राप्त हुआ। इसके अलावा ग्रुप सी एवं डी के साथ क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर सांप दिवस के विजेताओं को भी पुरस्कार दिया गया। बता दें कि बीते एक सप्ताह से पेंटिंग एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था जिसमें 15 स्कूल के लगभग 900 बच्चों ने भाग लिया था।
कैमूर टाइगर रिजर्व के लिए भेजा गया प्रस्ताव
कार्यक्रम में अभय कुमार, निदेशक पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण ने वन संरक्षण पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कैसे हमारी छोटी छोटी पहल बड़ा बदलाव ला सकती है। माननीय मंत्री ने भी संबोधित करते हुए बाघ संरक्षण, उनकी महत्ता एवं उनके संरक्षण कार्यों में सक्रिय योगदान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमें कैमूर में एक और टाइगर रिजर्व मिलने वाला है। इसे लेकर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। पिछले 12 वर्षों में बिहार में बाघों की संख्या में आठ गुना बढ़ोतरी हुई है जो ये दर्शाता है कि बिहार बाघों के प्रजनन के लिए उत्कृष्ट स्थल है।
बाघों के जंगल का नहीं करें अतिक्रमण
विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने भी बाघों के संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये। और कहा की हमें यह पूरी कोशिश करनी चाहिए की हम बाघों के जंगल पर अतिक्रमण नहीं करे। साथ ही बाघों को जंगल के राजा के रूप में रहने दें।
कार्यक्रम के अंत में पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में विभागीय पदाधिकारियों, स्कूल के छात्रों, पशुपालकों एवं विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF) प्रभात कुमार गुप्ता; प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास), बिहार अरविन्दर सिंह; पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण, पटना अभय कुमार; मुख्य वन संरक्षक, प्रशासन एवं मानव संसाधन विकास सुरेन्द्र सिंह; एवं पटना जू के निदेशक श्री हेमंत पाटील सहित विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।