PATNA - सहरसा के बहुप्रतीक्षित बंगाली बाजार रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण को लेकर पटना हाई कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि इस पुल का निर्माण 30 वर्षों तक लंबित रहना आश्चर्यजनक है और साथ ही पुल निर्माण में बाधा डालने वाली तीनों रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस फैसले का स्वागत नवनिर्माण मंच के संस्थापक, जन सुराज पार्टी के प्रदेश महासचिव सह पूर्व विधायक किशोर कुमार और प्रतिवादी दीपक पोद्दार ने किया।
उन्होंने कहा कि यह सहरसा की जनता की जीत है, जो तीन दशकों से इस पुल के निर्माण और जाम से निजात पाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इस मुद्दे को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किए गए थे। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब आरओबी के निर्माण का मार्ग पूरी तरह से प्रशस्त हो गया है।
आज पटना हाई कोर्ट में कार्यकारी चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान पेटिशनर के अधिवक्ता ने भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से जुड़े मुद्दों को उठाया, जिसे कोर्ट ने निराधार बताया। इसके बाद अधिवक्ता ने फिर से सुनवाई की अपील की, लेकिन कोर्ट ने इसे रिजनेबल ग्राउंड न होने का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि पुल निर्माण पर रोक लगाने की साजिश करने वालों ने कोर्ट को भ्रमित करने और मामले को उलझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन न्यायालय ने उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया।
सरकार और विभाग पर करारा चोट
पूर्व विधायक किशोर कुमार ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्थानीय सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए पुल निर्माण में अड़ंगा लगाने की हर संभव कोशिश की।उन्होंने कहा कार्यकारी मुख्यन्यायाधीश ने आश्चर्य व्यक्त करते कहा कि एक पुल को बनाने में इतना समय लग गया,यह सरकार और विभाग पर करारा चोट है।उन्होंने खुलासा किया कि पुल के निर्माण को अधर में लटकाने के पीछे एक माननीय विधायक का भी हाथ रहा, जिनकी दुकान पिलर संख्या 27/28 के पास स्थित है।निजी स्वार्थ में अपने दुकान को बचाने के लिए मंत्री रहते हुए भी उन्होंने पुल निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं की और हमेशा परदे के पीछे से इसे रोकने की साजिश रचते रहे।
साजिश विफल हो गई
किशोर कुमार ने बताया कि विगत 4 फरवरी को ही कुछ लोग पुल निर्माण का श्रेय लेने की होड़ में लगे थे, जबकि हाई कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है।वे इतने निर्लज्ज है कि वे कह रहे है कि जो 4 फरवरी को फैसला आया वही आज आया।यह सरासर झूठ और न्यायालय का अवमानना है। उन्होंने कहा कि हमने न्यायालय में मजबूत पैरवी की, जिसकी वजह से यह साजिश विफल हो गई और सहरसा की जनता को न्याय मिला। किशोर कुमार ने कहा कि इस पुल के निर्माण को लेकर उन्होंने और उनकी टीम ने मुख्यमंत्री, जिला अधिकारी, मंडल आयुक्त, विभागीय सचिव, रेल मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पत्र भेजे थे। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि अब भी हमें सतर्क रहना होगा ताकि पुल निर्माण में कोई और बाधा उत्पन्न न हो और सहरसा को जाम से हमेशा के लिए निजात मिल सके
पूर्व विधायक किशोर कुमार ने इस सफलता को जनता की जीत करार दिया और न्यायालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब तक पुल पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक वे और सहरसा की जनता के साथ मिलकर ध्यान रखेंगे।वरीय अधिवक्ता संजय कुमार सिंह,अशोक द्विवेदी,अमित कुमार सिंह ने पुल निर्माण के पक्ष में बहस किया।