Holiday in Patna schools: पटना के स्कूलों में छुट्टी, बिहार बंद की तपिश में झुलसे स्कूल, लोकतंत्र की लड़ाई बना वजह
बिहार में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में INDIA गठबंधन द्वारा बुलाए गए बंद का असर शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ा है।..

Holiday in Patna schools: बिहार की राजनीति आज एक नव मोड़ पर खड़ी है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गहन मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ INDIA गठबंधन द्वारा बुलाए गए बिहार बंद का व्यापक असर राजधानी पटना से लेकर पूरे राज्य में देखा जा रहा है। इस बंद को विपक्ष ने जनविरोधी नीति के खिलाफ लोकतांत्रिक संघर्ष का नाम दिया है।बिहार में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में INDIA गठबंधन द्वारा बुलाए गए बंद का असर न केवल सड़कों पर दिखा, बल्कि शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ा है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पटना के प्रतिष्ठित निजी विद्यालय—संत जेवियर्स, संत माइकल्स, संत जोसेफ सहित कई अन्य स्कूलों ने आज स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है।
बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डी.के. सिंह ने जानकारी दी कि राज्यभर के अधिकांश निजी स्कूल आज बंद हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि बंद के चलते जगह-जगह पर चक्का जाम, विरोध प्रदर्शन और रूट डायवर्जन जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
बंद के मद्देनज़र पटना सहित अन्य जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, लेकिन स्कूल प्रशासन ने किसी भी जोखिम से बचने के लिए एहतियातन विद्यालय बंद रखना ही उचित समझा।
पटना की सड़कों पर आज एकजुट हो रहे हैं राष्ट्र स्तर के दिग्गज नेता। विरोध मार्च में शामिल होने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, भाकपा महासचिव डी. राजा, माकपा नेता एम.ए. बेबी, राजद नेता तेजस्वी यादव, और भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य पटना पहुंचे हैं। सभी नेता मिलकर आयकर गोलंबर से मुख्य निर्वाचन कार्यालय तक मार्च निकालेंगे और कार्यालय का घेराव करेंगे।
विपक्ष का आरोप है कि गहन मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर गरीब, वंचित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को मतदाता सूची से बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है। जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे अधिकांश गरीबों के पास नहीं हैं। इसे ‘वोटबंदी’ कहा जा रहा है—एक ऐसी प्रक्रिया जो नोटबंदी की तरह जनता को अधिकारविहीन बनाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
राजधानी पटना में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बंद के दौरान 50 से अधिक कार्यपालक दंडाधिकारी और 600 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।