Bihar News: पटना में बनेगा वर्ल्ड क्लास इंडोर स्टेडियम, इतने करोड़ की लागत से होगा निर्माण, जानिए खासियत

Bihar News: पटना में वर्ल्ड क्लास इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इस स्टेडियम का निर्माण 21.2 करोड़ की लागत से होगा। इस स्टेडियम में खिलाड़ियों को कई सुविधाएं मिलेंगी।

वर्ल्ड क्लास स्टेडियम
वर्ल्ड क्लास स्टेडियम- फोटो : social media

Bihar News:  राजधानी पटना में खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स परिसर में जल्द ही एक अत्याधुनिक वर्ल्ड क्लास इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। यह स्टेडियम लगभग 2,878 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा। जिसका निर्माण कार्य बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड (BSBCCL) द्वारा किया जाएगा।

मिलेगी ये सुविधाएं 

करीब 41 फीट ऊंचे इस इंडोर हॉल को वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और अन्य इनडोर खेलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। 21.2 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस स्टेडियम में खिलाड़ियों और आयोजकों के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस

इस इंडोर हॉल में चेंजिंग रूम, वार्म-अप ज़ोन, प्रशासनिक कार्यालय, स्वागत क्षेत्र, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र की व्यवस्था होगी। लकड़ी के फर्श वाला यह हॉल मॉडर्न साउंड और ऑडियो-वीडियो प्रसारण प्रणाली से युक्त होगा और इसमें समुचित प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार फर्नीचर और खेल उपकरण लगाए जाएंगे। इसके अलावा यहां विद्युत सबस्टेशन, यूपीएस बैकअप, CCTV निगरानी, स्मार्ट लाइटिंग और ऑटोमेशन सिस्टम की भी व्यवस्था होगी जिससे ऊर्जा संरक्षण के साथ उच्च तकनीकी सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी।

टिकाऊ के साथ साथ होगी ऊर्जा की बजट 

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने जानकारी दी कि इस परियोजना का निर्माण कार्य प्री-फैब्रिकेटेड स्टील संरचनाओं से किया जाएगा। जिनमें PUF-इंसुलेटेड छत और दीवार पैनल का उपयोग होगा। यह न केवल टिकाऊ होगा, बल्कि ऊर्जा की बचत को भी बढ़ावा देगा।

IIT और NIT की निगरानी में होगा निर्माण 

डिज़ाइन में वर्षा जल संचयन, एलईडी लाइटिंग और टिकाऊ HVAC सिस्टम जैसी हरित भवन तकनीकों को भी शामिल किया गया है। परियोजना को EPC मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जाएगा। जिसमें मिट्टी परीक्षण, संरचनात्मक डिज़ाइन, निर्माण और कमीशनिंग तक सभी चरण शामिल होंगे। इसका निर्माण कार्य IIT और NIT के विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाएगा।