BEd New Rules: शिक्षक बनने वालों के लिए जरूरी खबर,अब बदल गया B.Ed का तरीका, NCTE ने जारी किए नए नियम, हजारों कॉलेज पर लटक गई ताला लगने की तलवार

BEd New Rules: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने देशभर के B.Ed कॉलेजों को लेकर नए सख्त नियम लागू कर दिए हैं। अब केवल B.Ed कराने वाले कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलेगी।

BEd New Rules
हज़ारों कॉलेज पर लटक गई ताला लगने की तलवार- फोटो : meta

BEd New Rules: अगर आप B.Ed करके शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद  ने देशभर के B.Ed कॉलेजों को लेकर नए सख्त नियम लागू कर दिए हैं। अब केवल B.Ed कराने वाले कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलेगी। यानी जो कॉलेज सिर्फ B.Ed का कोर्स चला रहे हैं, वे अब अकेले इस कोर्स को नहीं चला सकेंगे।राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के इस बड़े फैसले का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और छात्रों को एक व्यापक अकादमिक वातावरण उपलब्ध कराना है।राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार, B.Ed कोर्स अब सिर्फ उन्हीं कॉलेजों में चल सकेगा, जहां BA, BSc, B.Com जैसे अन्य डिग्री कोर्स भी होते हों। ऐसे संस्थानों को मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेज कहा जाता है।

यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि शिक्षक बनने वाले छात्रों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि बेहतर और व्यवहारिक प्रशिक्षण भी मिल सके।NCTE ने साफ किया है कि जिन B.Ed कॉलेजों की दूरी पास के डिग्री कॉलेज से 3 से 10 किलोमीटर के बीच है, उन्हें उस कॉलेज में मर्ज कर दिया जाएगा। 2030 तक सभी B.Ed संस्थानों को मल्टी-डिसीप्लिनरी बनाया जाएगा।

देशभर में 15,000 से अधिक B.Ed कॉलेज हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में ऐसे कॉलेज हैं जो सिर्फ यही कोर्स चलाते हैं। अब ऐसे संस्थानों के पास दो ही विकल्प हैं:बंद हो जाएं, या किसी बड़े कॉलेज के साथ मिलकर कोर्स जारी रखें।अब से हर B.Ed कोर्स में एक क्लास में अधिकतम 50 छात्रों को ही दाखिला मिलेगा।इससे पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ेगी,छात्रों को मिलेगा बेहतर मार्गदर्शन,शिक्षक और छात्र के बीच बेहतर संवाद होगा

ऐसे कॉलेज जिनके पास पर्याप्त भवन, पुस्तकालय या शिक्षक नहीं हैं, वे पास के बड़े कॉलेज से MoU साइन कर सकते हैं। दोनों संस्थान मिलकर संसाधनों का संयुक्त उपयोग कर सकेंगे और B.Ed कोर्स को जारी रख पाएंगे।राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का यह फैसला केवल डिग्री बाँटने वाले कॉलेजों पर लगाम लगाने के लिए है। अब जरूरत होगी ऐसे शिक्षकों की जो व्यवहारिक, दक्ष और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण लेकर निकलें।अगर आप B.Ed करने का विचार कर रहे हैं, तो कॉलेज चुनने से पहले यह जरूर देखें कि वह संस्थान मल्टी-डिसीप्लिनरी है या नहीं।