Waqf Bill : वक्फ विधेयक पर जदयू में दरार ! विरोध में उतरे नीतीश के एमएलसी, ललन सिंह और संजय झा का अल्पसंख्यकों पर बड़ा बयान
Waqf Bill : वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर जदयू में जहां एक मुस्लिम एमएलसी ने नीतीश कुमार की पार्टी के निर्णय के विरोध में मोर्चा खोल दिया है, वहीं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बड़ा बयान दिया है.

Waqf Bill : वक्फ (संशोधन) विधेयक बुधवार दोपहर 12 बजे संसद में पेश होने की संभावना है. लेकिन इसके पहले ही बिहार में जदयू के नेताओं में वक्फ विधेयक को लेकर दरार वाली स्थिति बन गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पार्टी से एमएलसी गुलाम गौस ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर बार-बार अनुचित नीतियों के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का इल्जाम लगाया.
गौस ने कहा कि मैं वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति था.जब से यह केंद्र सरकार आई है, कभी लव जिहाद, सीएए, मॉब लिंचिंग, ट्रिपल तलाक और अब यह. यह हमारा धार्मिक मामला है. केंद्र पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि आपने हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि विविधता में एकता हमारी विशेषता है. मैं निश्चित रूप से इन सभी मुद्दों को उनके (सीएम नीतीश कुमार) सामने उठाऊंगा.
गुलाम गौस एक दिन पहले ही ईद के अवसर पर राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलने पहुंचे थे. उनकी इस मुलाकात से कई तरह की सियासी चर्चा होने लगी थी. इन सबके बीच अब उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. गुलाम गौस ने कहा कि मौलाना आज़ाद फाउंडेशन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति भी बंद कर दी गई. इसके अतिरिक्त कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया है. हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सभी मुद्दों पर सीएम नीतीश के सामने अपनी बात रखेंगे.
समर्थन में उतरे ललन सिंह
वहीं वक्फ संशोधन से जुड़े मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने कहा कि प्रदेश में नीतीश कुमार के नेतृत्व में मुसलमानों का सशक्तिकरण हुआ है, जद (यू) या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कांग्रेस से किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. कांग्रेस को पहले अपने कार्यकाल पर नजर डालनी चाहिए कि उन्होंने बिहार और देश में लंबे समय तक शासन किया, लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक प्रगति के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जो किसी भी अन्य राज्य में देखने को नहीं मिले. भागलपुर दंगे किसके शासन में हुए थे? नीतीश सरकार ने दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाया, विधवाओं को पेंशन दी और प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई. कांग्रेस को सिर्फ वोट बैंक की चिंता है, जबकि नीतीश कुमार विकास और न्याय की राजनीति कर रहे हैं.
नीतीश करेंगे रक्षा : संजय झा
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 19 सालों से बिहार में काम कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए जो काम किया है, वो भी दिख रहा है. वक्फ बिल पहली बार नहीं आ रहा है. इससे पहले 2013 में भी संशोधित विधेयक आया था. हमारी पार्टी ने कहा था कि इसे पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू नहीं किया जाना चाहिए, और हमें उम्मीद है कि सरकार इस पर विचार करेगी. जब तक नीतीश कुमार राजनीति में हैं, लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी.
कांग्रेस का सवाल
इस बीच सोमवार को कांग्रेस सांसद और पार्टी के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को "संविधान पर सीधा हमला" करार देते हुए विधेयक के क्रियान्वयन का विरोध करने की कसम खाई और मांग की कि एनडीए के सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यूनाइटेड) इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान पर सीधा हमला है और इसकी नींव के खिलाफ है, इसे जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के जरिए बुलडोजर से गिराया गया है।