Chandan Mishra Murder Case: दोस्ती का जनाज़ा... दुश्मनी की सुपारी! पुरुलिया जेल से शेरू का फरमान और तौसीफ का खूनी खेल, 'समाजसेवक' निशु खान बना चंदन मिश्रा हत्याकांड के शूटरों का सरगना

दन मिश्रा और शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ, जिनकी जुगलबंदी ने एक ज़माने में जुर्म की दुनिया में खौफ का सिक्का जमाया था। 2009 में अनिल की हत्या से जो रिश्ता जुर्म के रास्ते पर चला....

Chandan Mishra murder
चंदन मिश्रा के दोस्ती का जनाज़ा... दुश्मनी की सुपारी! - फोटो : reporter

Chandan Mishra Murder Case: बक्सर की गलियों से निकली दो कुख्यात हस्तियाँ — चंदन मिश्रा और शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ, जिनकी जुगलबंदी ने एक ज़माने में जुर्म की दुनिया में खौफ का सिक्का जमाया था। 2009 में अनिल की हत्या से जो रिश्ता जुर्म के रास्ते पर चला, वो 2011 में राजेंद्र केसरी और हैदर अली जैसे हाई-प्रोफाइल मर्डर केसों तक खून से लथपथ रहा।

मगर फिर आई तनिष्क ज्वेलरी लूट — इस वारदात के माल पर हिस्सेदारी को लेकर दोनों में खटास आ गई। दोस्ती में दरार पड़ी और चंदन मिश्रा से दूर, शेरू सिंह बन गया उसका सबसे बड़ा दुश्मन। पुरुलिया जेल की सलाखों के पीछे बैठे-बैठे ही शेरू ने चंदन के खात्मे की सुपारी लिख दी  10 लाख रुपये में मौत का सौदा तय हुआ।

तौसीफ बादशाह  वही नाम जिसने सुपारी को अंजाम देने का जिम्मा लिया। बेऊर जेल में शेरू से नज़दीकी बना चुका तौसीफ, पहले से ही पारस हॉस्पिटल के अंदरूनी हालात से वाक़िफ था। साजिश का पूरा नक़्शा बना समनपुरा में — निशु खान के घर, जो तौसीफ का रिश्तेदार और चंदन के इलाके का ही रहने वाला था।

तीन दिन तक चली बैठकों में तय हुआ नफ़रत का एजेंडा। पांच क़ातिल — तौसीफ, मोनू सिंह, बलवंत सिंह, खान और एक अज्ञात शूटर — बन गए मौत के सौदागर। 17 जुलाई की सुबह, चंदन मिश्रा के कमरे नंबर 209 में ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। गोलियों की गूंज से कांप उठा पूरा अस्पताल। सीसीटीवी फुटेज ने सबूत दे दिया — तौसीफ शूटरों को इशारे से कमांड दे रहा था।

वारदात के बाद सिर्फ शूटर नहीं, निशु खान भी रफ़ूचक्कर हो गया। खबर है कि उसने कोलकाता में शरण ली। वहीं, जहां से उसे तौसीफ और 'दो हसीनाएं' के साथ दबोचा गया।

कौन है निशु खान?

नाम: निशु खान, इलाका: समनपुरा। पहचान: तौसीफ का रिश्तेदार, शातिर दिमाग और जमीन के धंधे में सक्रिय। उसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह खुद को समाजसेवी दिखाने का ढोंग करता रहा है  लोगों को राशन बांटना, फोटो खिंचवाना, और सोशल मीडिया पर "भाईजान" टाइप पोस्ट करना उसकी आदत में शुमार है।

हकीकत यह है कि वह अपराधियों का पनाहगार रहा है। चंदन मिश्रा मर्डर केस की प्लानिंग, शूटरों की मेहमाननवाज़ी और वारदात के बाद फरारी — हर पड़ाव पर निशु खान की भूमिका संदिग्ध ही नहीं, बल्कि मुख्य सूत्रधार के रूप में सामने आ रही है। यह वही शख्स है जो कभी एक पूर्व मंत्री और उनके सांसद भतीजे के साथ मंच साझा करता दिखा था — सियासत की चादर में लिपटा जुर्म का नया चेहरा!

रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट