Bihar Bus Fare: त्योहारी सीजन में तय हुआ बसों का किराया, यात्रियों को मिलेगी विशेष छूट, दिल्ली, यूपी, बंगाल तक दौड़ेगी सस्ती बसें
Bihar Bus Fare: दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पर घर लौटने वाले लाखों बिहारवासियों के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफ़ा दिया है।

Bihar Bus Fare: दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पर घर लौटने वाले लाखों बिहारवासियों के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफ़ा दिया है। इस बार ट्रेन और प्राइवेट बसों की लूट से बचाने के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने कमर कस ली है। सरकार की ओर से 20 सितंबर से 30 नवंबर तक दिल्ली, यूपी, झारखंड, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के कई शहरों के लिए सीधी बस सेवाएं शुरू की जा रही हैं।सबसे बड़ी राहत किराए में दी गई है।
भागलपुर-अंबाला एसी स्लीपर बस का वास्तविक किराया 3,603 रुपये है, लेकिन यात्री केवल 2,490 रुपये देंगे। यानी सरकार हर यात्री को 1,113 रुपये की राहत दे रही है।
नॉन-एसी बस का किराया 2,122 रुपये से घटकर 1,490 रुपये कर दिया गया है।
पटना-दिल्ली एसी बस का किराया 1,873 रुपये था, जो घटाकर 1,254 रुपये कर दिया गया है।
नॉन-एसी बस का किराया 1,527 रुपये से घटकर 1,133 रुपये, जबकि एसी स्लीपर बस का भाड़ा 2,812 रुपये से घटाकर 1,893 रुपये कर दिया गया है।
यानी त्योहारों में घर वापसी अब जेब पर भारी नहीं पड़ेगी।
बस सेवाएं कहाँ तक जाएंगी?
दिल्ली के लिए: सीवान, अररिया, भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा, गया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, पटना, शिवहर, सीतामढ़ी और सुपौल से सीधी बसें।
हरियाणा के लिए: अंबाला, गुरुग्राम, पानीपत।
झारखंड के लिए: रांची, धनबाद, बोकारो, डाल्टनगंज, हजारीबाग।
उत्तर प्रदेश के लिए: लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बलिया।
पश्चिम बंगाल के लिए: कोलकाता, सिलीगुड़ी, दुर्गापुर।
बांकीपुर बस पड़ाव से 73 बसें अलग-अलग रूटों पर रवाना होंगी। निगम का दावा है कि यहां से देर रात तक भी बसें उपलब्ध रहेंगी, ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
टिकट बुकिंग की शुरुआत 1 सितंबर से हो चुकी है, और इसे BSRTC की आधिकारिक वेबसाइट से कराया जा सकता है।
परिवहन विभाग का मानना है कि यह पहल न सिर्फ़ प्रवासी बिहारवासियों को आरामदायक और सस्ती यात्रा का विकल्प देगी, बल्कि त्योहारों पर होने वाली भीड़ और अव्यवस्था पर भी नियंत्रण लाएगी।
सत्ता पक्ष इसे “त्योहारों पर सरकार का जनता को सीधा तोहफ़ा” बता रहा है, जबकि विपक्ष तंज़ कस रहा है कि “रेलवे टिकट की समस्या सरकार ने कब सुलझाई? बस सेवा चुनावी जुगाड़ है।”लेकिन एक बात साफ़ है इस बार त्योहारों पर बिहार लौटने वालों को भीड़ और महंगे किराए से राहत मिलेगी।