Bihar News: बिहार में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन को लेकर लागू हुआ नया नियम, पटना डीएम का सख्त आदेश, 21 दिन के भीतर नहीं कराए ये काम तो पड़ेगा महंगा...
Bihar News: बिहार में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन को लेकर नया नियम लागू हो गया है। पटना डीएम ने भी इसको लेकर सख्त आदेश दिया है। नए नियम के अनुसार अगर 21 दिनों के भीतर ये काम कराना होगा।

Bihar News: बिहार में जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन को लेकर नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। यदि यह नियम नहीं मानी जाएगी तो फिर जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है। दरअसल, अब यदि कोई व्यक्ति 21 दिनों के भीतर जन्म या मृत्यु का पंजीकरण नहीं कराता है तो उसे जुर्माना चुकाना होगा। यह प्रावधान जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969, इसके संशोधन अधिनियम 2023 और बिहार जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली 1999 के नवीनतम संशोधन 2025 के अनुसार लागू किया गया है।
जुर्माने की नई दरें
21 से 30 दिन के भीतर आवेदन करने पर ₹20 का विलंब शुल्क, 30 दिन से 1 वर्ष के भीतर आवेदन पर ₹50 का शुल्क और जांच प्रक्रिया और 1 वर्ष के बाद आवेदन पर ₹100 का विलंब शुल्क और शपथपत्र के साथ अतिरिक्त दस्तावेज अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था पूरे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से लागू होगी। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की 16 जून को जारी अधिसूचना के बाद यह व्यवस्था प्रभाव में आई है।
पंजीकरण की प्रक्रिया
यदि कोई व्यक्ति 21 दिनों के भीतर निर्धारित प्रपत्रों और दस्तावेजों के साथ संबंधित रजिस्ट्रार को जानकारी देता है तो निशुल्क पंजीकरण कर प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। 30 दिन से अधिक की देरी होने पर आवेदन को पंचायत सचिव सह रजिस्ट्रार साक्ष्य के आधार पर जांचकर प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी को भेजेंगे। वहां से यह मामला प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार के माध्यम से जिला सांख्यिकी पदाधिकारी तक जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज
जन्म प्रमाणपत्र के लिए- पूर्ण रूप से भरी जन्म सूचना रिपोर्ट
मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए-मृत्यु का कारण, अस्पताल में मृत्यु होने पर चिकित्सा प्रमाणपत्र
गैर-संस्थागत मृत्यु के लिए- शपथपत्र में तिथि और स्थान की पुष्टि
साक्ष्य में- पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफआईआर, कोर्ट ऑर्डर, स्कूल प्रमाणपत्र, पैन/आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, डॉक्टर की रिपोर्ट, सेवा पुस्तिका आदि की स्व-अभिप्रमाणित प्रति। इसके अतिरिक्त अब मृत जन्म (Still Birth) की रिपोर्टिंग को भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया है।
विशेष ध्यान देने योग्य-
30 दिन से अधिक और एक वर्ष के भीतर आवेदन के लिए प्रारूप-14, यानी सूचक का स्व-अभिप्रमाणित दस्तावेज आवश्यक होगा। एक वर्ष के बाद आवेदन पर शपथपत्र के साथ ₹100 का विलंब शुल्क देना होगा। प्रशासन का कहना है कि इस व्यवस्था से जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को समय पर प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सुविधा होगी।