Nitish cabinet expansion: बिहार में कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेजी से चल रही है, और यह संभवतः विधानसभा सत्र से पहले हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद भाजपा कोर कमेटी की एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा की गई। दिल्ली चुनाव, मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा, प्रधानमंत्री का दौरा के कारणों से नीतीश कैबिनेट विस्तार टलता गया। अब 27 फरवरी को इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
वर्तमान में बिहार सरकार में कुल 30 मंत्री हैं, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो उपमुख्यमंत्री शामिल हैं। बिहार विधानसभा की संरचना को देखते हुए, कैबिनेट में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अभी भी छह पद खाली हैं, जिन्हें नए मंत्रियों द्वारा भरा जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन मंत्रियों के पास दो विभाग हैं, उनसे एक विभाग वापस लिया जाएगा ताकि नए मंत्रियों को स्थान दिया जा सके। यह प्रक्रिया कैबिनेट विस्तार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी।भाजपा कोटे से पांच विधायकों को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। वहीं एक-दो लोगों को मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है। पार्टी नेताओं के अनुसार 30 सदस्यीय बिहार मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से दो उपमुख्यमंत्री सहित कुल 15 मंत्री हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ.दिलीप जायसवाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में दिलीप जायसवाल मंत्री पद छोड़ सकते हैं। पार्टी ने जिन नामों पर चर्चा की उसमें नवल किशोर यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। जीवेश कुमार और अनिल शर्मा में से किसी एक को तो महिला कोटा से कविता देवी को मंत्री बनाया जा सकता है।
भाजपा के शीर्ष रणनीतिकारों ने संकेत दिया है कि कैबिनेट विस्तार में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक होगा। कई जिलों से कोई मंत्री नहीं होने के कारण, सरकार जिलेवार प्रतिनिधित्व को संतुलित करने का प्रयास करेगी।
28 फरवरी से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल सत्र से पहले ही कैबिनेट का विस्तार होना संभावित है। इसलिए, 27 फरवरी को इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा हो सकती है।