Bihar Politics: देशभर में आज गणतंत्र दिवस की धूम है। पटना के गांधी मैदान में बिहार के राज्यपाल आरिफ मो. खान ने झंडोत्तोलन किया। सीएम नीतीश ने एक अणे मार्ग में झंडा फहराया तो वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव ने राबड़ी आवास पर झंडोत्तोलन किया। बीजेपी और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने भी अपने अपने कार्यालय पर झंडा फहराया लेकिन सबसे अहम बात ये रही कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आज भी पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे। दरअसल, सभी पार्टी कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा झंडोत्तोलन किया जाता है लेकिन जगदानंद सिंह के राजद दफ्तर नहीं पहुंचने के कारण एक अन्य राजद नेता ने झंडोत्तोलन किया। जिसके बाद से जगदानंद सिंह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई है। जगदानंद सिंह उपचुनाव के बाद से ही पार्टी से नदारद हैं। राजद के कई बड़े कार्यक्रम में जगदानंद सिंह नहीं पहुंच रहे हैं।
पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे जगदानंद सिंह
बीते दिन राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई लेकिन जगदानंद सिंह इस बैठक में भी नहीं पहुंचे। विधानसभा उपचुनाव के बाद से ही जगदानंद सिंह पार्टी दफ्तर नहीं पहुंच रहे थे। माना जा रहा था कि जगदानंद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन अब तक पार्टी की ओर से जगदानंद सिंह को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। ना ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हुई है। माना जा रहा था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में राजद के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। लेकिन बैठक के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई। जगदानंद सिंह आधिकारिक तौर पर अब भी राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
जगदानंद सिंह का इस्तीफा?
ऐसे में माना जा रहा है कि उपचुनाव में राजद को मिली करारी हार के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी ने इस्तीफा दे दी है। बता दें कि जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह रामगढ़ से उपचुनाव मैदान में थे। हालांकि भाजपा के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह ने राजद प्रत्याशी अजीत सिंह को मात दे दी। यह सीट राजद के कब्जे में थी और यहां से जगदानंद सिंह के बड़े बेटे सुधाकर सिंह विधायक थे। सुधाकर सिंह के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ। लेकिन उपचुनाव में राजद के हाथ से रामगढ़ सीट निकल गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद ही जगदानंद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
कई मौकों पर नहीं पहुंचे पार्टी दफ्तर
जगदानंद सिंह के इस्तीफा देने की बात को इस कारण भी बल मिल रहा है कि वो पिछले कई दिनों से पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे हैं। पार्टी दफ्तर में कई बड़े कार्यक्रम हुए जिनमें पार्टी अध्यक्ष ही नदारद रहे। दरअसल, उपचुनाव के बाद राजद दफ्तर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। राजद कार्यालय के बाहर टेंट लगाकार राजद के तमाम नेताओं ने प्रदर्शन किया। लेकिन इस धरना प्रदर्शन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ही नहीं पहुंचे। यही नहीं उपचुनाव के परिणाम आने के दूसरे दिन ही राजद कार्यालय में सुबह सुबह तेजस्वी यादव पहुंचे।
टेंशन में लालू-तेजस्वी
दरअसल, राजद दफ्तर में 24 नवंबर को अति पिछड़ों का कार्यक्रम था। तेजस्वी यादव इस कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह इस दिन भी पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 18 जनवरी को हुई लेकिन जगदानंद सिंह वहां भी नहीं पहुंचे। जगदानंद सिंह अब तक पार्टी दफ्तर में पहुंचते थे और पार्टी से जुड़ी कई अहम फैसले भी लेते थे। खुद राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव भी जगदानंद सिंह के फैसलों पर विश्वास करते थे। जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही पार्टी में अनुशासन कायम थी। जगदानंद सिंह पार्टी के हित के लिए कई बड़े फैसले लेते थे।
लालू यादव ने नहीं किया इस्तीफा स्वीकार !
वहीं बिहार विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं ऐसे में अगर जगदानंद सिंह पार्टी से इस्तीफा देते हैं तो यह लालू-तेजस्वी के लिए बड़ा झटका होगा। सूत्रों की मानें तो जगदानंद सिंह राजद सुप्रीमो लालू यादव को इस्तीफा सौंप चुके हैं, हालांकि लालू यादव ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है। माना जा रहा था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। अब देखना होगा कि जगदानंद सिंह पार्टी दफ्तर आते हैं या फिर लालू-तेजस्वी किसी अन्य नेता को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपते हैं।
पटना से रंजन की रिपोर्ट