Tejashwi Yadav Attak PM Modi: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तेजस्वी यादव ने PM मोदी पर साधा निशाना, कहा- 'चुनावी फायदे के लिए बिहार में कर रहे रैली'
तेजस्वी यादव ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी की बिहार रैली पर सवाल उठाए हैं। जानिए विपक्ष ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर किस तरह निशाना साधा।

Tejashwi Yadav Attak PM Modi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह हमला न सिर्फ निर्दोष लोगों की जान लेने वाला था, बल्कि इसने देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए। विपक्ष ने इसे एक बड़ी सुरक्षा चूक करार दिया है और सरकार से जवाब मांगा है कि जब पहले से अलर्ट थे, तो हमलावर इतनी आसानी से कैसे अपनी योजना को अंजाम देने में सफल हो गए।
पीएम मोदी की बिहार यात्रा पर विवाद
इस आतंकी हमले के ठीक अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर पहुंचे, जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने वहां कई विकास योजनाओं का उद्घाटन किया, लेकिन विपक्ष ने इसे राजनीतिक लाभ के लिए की गई यात्रा करार दिया। खासकर तब, जब इसी दिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में होने वाली पीएम की सभा रद्द कर दी गई थी।
तेजस्वी यादव ने यह सवाल उठाया कि जब कानपुर की रैली रद्द की जा सकती है, तो क्या बिहार की रैली सिर्फ इसलिए नहीं रद्द हुई क्योंकि यहाँ चुनाव नजदीक हैं? उनके अनुसार, यह केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है, जहाँ सुरक्षा से ज्यादा चुनावी फायदे को महत्व दिया जा रहा है।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका
तेजस्वी यादव ने पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित महागठबंधन की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही को उजागर कर दिया है। तेजस्वी का कहना था कि देश की सुरक्षा एजेंसियां विपक्षी नेताओं के पीछे लगी रहती हैं, जबकि असली खतरा देश की सीमाओं और पर्यटन स्थलों पर मंडरा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस स्थान पर हमला हुआ, वहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे, फिर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम नहीं थे। उन्होंने पूछा कि जब पहले से खतरे की आशंका थी, तो स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार ने पूर्व तैयारियां क्यों नहीं की?
जनता के मन में बढ़ती चिंता और राजनीतिकरण का मुद्दा
इस घटना के बाद आम जनता के मन में भी यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या देश की सुरक्षा को राजनीतिक फायदे के लिए दांव पर लगाया जा रहा है? क्या आतंकवादी घटनाएं भी अब राजनीतिक बयानबाज़ी और सत्ता के समीकरणों का हिस्सा बन गई हैं?
तेजस्वी यादव जैसे नेता इस तरह के सवाल उठाकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे जवाबदेह बनें। वहीं दूसरी ओर, सत्तारूढ़ दल इस पर सफाई देने से बचता नजर आ रहा है। इस तरह का घटनाक्रम केवल सुरक्षा या आतंकवाद का मुद्दा नहीं रह गया, बल्कि अब यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।