गुरु पूर्णिमा पर लालू परिवार में आई सबसे बड़ी ख़ुशी, तेजस्वी यादव ने खास अंदाज में किया स्वागत

गुरु पूर्णिमा पर लालू यादव के पोते इराज का पटना आगमन हुआ तो हवाईअड्डे पर बेटे और पत्नी तथा बेटी को रिसीव करने खुद तेजस्वी यादव पहुंचे.

Tejashwi Yadav
Tejashwi Yadav- फोटो : news4nation

Tejashwi Yadav: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पुत्र इराज का गुरुवार को पहली बार पटना में आगमन हुआ. बेटे का स्वागत करने के लिए तेजस्वी यादव खुद पटना हवाईअड्डे पहुंचे.   पिछले महीने तेजस्वी यादव और राजश्री के पुत्र इराज का जन्म कोलकाता में हुआ था. वे पिछले एक महीने से ज्यादा समय से कोलकाता में थे. राजद सुप्रीमो लालू यादव के पोते इराज का पटना आगमन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हुआ है. 


तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री, उनकी बेटी कत्यानी और बेटे का इराज एक साथ पटना आए. 27 मई को लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुशखबरी दी थी कि वे दूसरी बार पिता बन गए हैं. उनकी पत्नी राजश्री ने बेटे को जन्म दिया है. तेजस्वी यादव हवाई अड्डे पर अपनी पत्नी, बेटे और बेटी को रिसीव करने पहुंचे. तेजस्वी ने बेटी कात्यानी को गोद में लेकर हवाईअड्डे से बाहर निकले और बाद में पूरा परिवार में कार में सवार होकर रवाना हो गया. 


बेटे के जन्म पर लालू यादव के पुत्र ने तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया था कि गुड मॉर्निंग! इंतजार अब खत्म हो गया. हमारे छोटे बच्चे के जन्म की सूचना देते हुए हम बहुत आभारी और धन्य महसूस कर रहे हैं. दरअसल, इराज का मतलब भगवान हनुमान होता है.बच्चे का जन्म मंगलवार को हुआ था इसलिए मंगलवार जो हनुमान जी का दिन माना जाता है, उसी के आधार पर तेजस्वी के पुत्र का नाम इराज रखा गया. 


तेजस्वी ने किया प्रेम विवाह

बता दें कि साल 2021 के दिसंबर में तेजस्वी ने राजश्री से विवाह रचाया था. दोनों ने लव मैरिज की थी. राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली में हुए इस विवाह समारोह ने काफी चर्चा बटोरी थी. बाद में वर्ष 2023 में तेजस्वी यादव पहली बार पिता बने जब राजश्री ने पुत्री को जन्म दिया. उसका जन्म नवरात्रि में हुआ था इसलिए लालू यादव ने पोती का नामकरण देवी दुर्गा के नाम पर कत्यानी रखा था.


गुरु पूर्णिमा पर पोते का आगमन

हिंदू मान्यताओं में आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. यह दिन बेहद खास माना जाता है क्योंकि मान्यता है कि गुरुओं के सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है. लोग नदियों में स्नान, गुरुओं की पूजा और दान आदि करते हैं. ऐसे में इस पावन दिवस की विशेष महत्ता को ध्यान में रखते हुए ही लालू यादव के पोते के पटना आगमन की तैयारी है.