PATNA - बेंगलुरू से आज तीन बिहारी मजदूरों का शव पटना लाया गया। जहां श्रम मंत्री संतोष कुमार ने उनके शव को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को ढांढस बंधाया। जिसके बाद तीनों के शव को गोपालगंज भेज दिया गया। श्रम मंत्री ने इस दौरान तीनों मजदूरों के परिवार को दो-दो लाख रुपए के मुआवजा देने की घोषणा की।
मंत्री संतोष सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एंबुलेंस से डेड बॉडी को गोपालगंज भिजवाया। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में हमलोग पीड़ित परिवार के साथ हैं। आश्रितों को विभाग की ओर से अनुदान राशि जल्द जारी किए जाएंगे। मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा, 'तीनों मजदूर एक निर्माण कंपनी में काम करते थे। मजदूरों के बीच आपसी लड़ाई-झगड़े के बाद उनकी मौत हो गई। चूंकि वे मजदूर थे, इसलिए श्रम मंत्रालय शवों को घर तक भेजने के लिए सारा खर्च उठाएगी।
आपसी लड़ाई में हुई थी मौत
गोपालगंज के 3 युवक बेंगलुरु में मजदूरी करते थे। होली पर कुछ दोस्तों के साथ मिलकर पार्टी कर रहे थे। इस बीच विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर साथी ने ही चाकू से हमला कर दिया।
आरोपी की बहन से अफेयर बनी हत्या की वजह
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि आरोपी सोनू की बहन के साथ अंशु का एक साल से अफेयर चल रहा था। होली वाले दिन सुधीर की बहन का उसके नंबर पर कॉल आया। इसको देखते ही मजाक में अंशू ने कॉल रिसीव कर लिया। इस बात से सुधीर नाराज हो गया। दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। धीरे-धीरे विवाद बढ़ता चला गया और गुस्से में सुधीर ने अंशू पर रॉड से हमला कर दिया। जिसमें अंशू की मौत हो गई।
अंशू के दोस्तों की भी हत्या
ये घटना एक फ्लैट के 7वें मंजिल पर घटी है। अंशू का बीच बचाव करने आए राधेश्याम को भी आरोपी सोनू और उसके भांजे सुधीर ने मार डाला। वहीं, घटना के बाद दीपू मौके से भागने की कोशिश करने लगा। तभी दीपू का पीछा करते हुए सुधीर और सोनू तीसरे मंजिल पर पहुंचे और उसकी भी हत्या कर दी।
गोपालगंज के ही हत्या के आरोपी
हत्या करने वाले आरोपी भी गोपालगंज के ही रहने वाले हैं। बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मृतकों की पहचान थावे थाना क्षेत्र के पिठौरी गांव निवासी राधेश्याम यादव (21), अंशु राम और दीपू कुमार (22) के रूप में हुई है।