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Bihar News : बिहार में बिना रुकावट के मिलेगी बिजली, 16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर लगेगा BESS सिस्टम

बिहार सरकार ने राज्य की बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर 500 मेगावाट-आवर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) स्थापित किया जाएगा।

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सांकेतिक- फोटो : BESS

बिहार की बिजली व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के लिए 16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर 500 मेगावाट प्रति घंटे की क्षमता वाली बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) लगाई जा रही है। इस महत्वपूर्ण योजना की घोषणा माननीय ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने बजट भाषण में की। यह परियोजना वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पूरी हो जाएगी और इसके बाद किसी भी आपात स्थिति या बिजली आपूर्ति में अत्यधिक मांग की स्थिति में उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिल सकेगी।



बिजली आपूर्ति में होगा बड़ा सुधार

बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) से अत्यधिक मांग के समय अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति संभव हो सकेगी। साथ ही बिजली कटौती की समस्या से भी निजात मिलेगी। यह सिस्टम ग्रिड फेल होने या तकनीकी खराबी की स्थिति में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करेगा और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।


बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम क्या है?

बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) बिजली भंडारण की अत्याधुनिक तकनीक है, जो मांग बढ़ने या आपातकालीन स्थितियों में संग्रहित ऊर्जा को तुरंत ग्रिड में भेजती है। इससे बिजली कटौती की संभावना कम हो जाती है और उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति मिलती है।



16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर लगेगी प्रणाली

राज्य सरकार ने 16 महत्वपूर्ण ग्रिड सब-स्टेशनों की पहचान की है, जहां 500 मेगावाट प्रति घंटे की क्षमता वाली बैटरी स्टोरेज प्रणाली लगाई जाएगी। इसके साथ ही बिहार के बिजली ढांचे को आधुनिक तकनीक से लैस करने का लक्ष्य रखा गया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार में ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर, सौर ऊर्जा परियोजनाओं और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के माध्यम से राज्य की बिजली व्यवस्था को अधिक सुरक्षित, सस्ती और निर्बाध बनाया जा रहा है।



मजबूत बिजली व्यवस्था से उपभोक्ताओं को फायदा

बैटरी स्टोरेज सिस्टम लगने से बिहार के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा। कृषि, औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिजली कटौती से राहत मिलेगी। 500 मेगावाट प्रति घंटे की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली बिहार को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में नई ताकत देगी। इससे राज्य में बिजली आपूर्ति नेटवर्क और अधिक विश्वसनीय और निर्बाध हो जाएगा।

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