अशोक स्तंभ तोड़ने पर बवाल! ललन सिंह की चेतावनी - जिसने खंडित किया है वह दंडित होगा
हजरतबल दरगाह में नमाज़ के बाद, कुछ कट्टरपंथी लोगों द्वारा अशोक स्तंभ को तोड़ने की घटना पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने गहरी आपत्ति जताई है.

Lalan Singh: केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ (Ashoka Emblem) को तोड़ने की घटना पर सख्त कार्रर्वाई की चेतावनी दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि अशोक स्तंभ देश का प्रतीक है और इसको जिसने खंडित किया है वह दंडित होगा. उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कहीं. दरअसल, शुक्रवार, 5 सितंबर 2025 को यह घटना हुई जिसमें हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ (Ashoka Emblem) को तोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस दरगाह में हाल‑ही में नवीनीकरण किया गया था। उद्घाटन शिलापट्टिका में राष्ट्रीय प्रतीक—अशोक स्तंभ—को अंकित किया गया था.
नमाज के बाद तोड़ा अशोक स्तंभ
बताया जाता है कि नमाज़ के बाद, कुछ कट्टरपंथी लोगों ने इस उद्घाटन पट्टिका में लगे अशोक स्तंभ को बुत‑प्रतीक मानकर पत्थर से तोड़ फोड़ की और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया . वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें स्पष्ट रूप से पत्थर से तोड़े जाने की घटना दिखाई गई. वक्फ बोर्ड अध्यक्ष, दारखशां आंद्राबी (BJP नेता) ने इस घटना को "दिल तोड़ने वाला" और "संविधान पर हमला" करार दिया। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ पत्थर पर निशान नहीं, मेरे दिल पर निशान है।” दोषियों के खिलाफ FIR और PSA के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की.
सीएम अब्दुल्ला की आपत्ति
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक (जदीबल MLA) ने कहा कि इस्लाम में बुतपरस्ती सख्त मनाही है, और किसी मूर्ति या आकृति का धार्मिक जगह पर होना तहहीद (एकेश्वरवाद) के खिलाफ है। “मैं धार्मिक विद्वान नहीं, लेकिन इस्लाम में बुत‑परस्ती सख्त पाप है. धार्मिक स्थान केवल तहहीद की पवित्रता होनी चाहिए।” यहां तक कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल उठाया कि राष्ट्रीय प्रतीक धार्मिक स्थल पर क्यों लगाया गया। “सरकारी प्रतीक धार्मिक संस्थान में नहीं दिखते—मस्जिद, दरगाह, मंदिर या गुरुद्वारे में इमेज नहीं लगते.
मामला दर्ज
घटना के बाद पुलिस ने निगीन थाना में FIR दर्ज कर relevant sections के तहत मामला दर्ज किया है . 'राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971' और भारतीय दंड संहिता के अधीन राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान पर तीन साल तक की सज़ा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. अब इसी मुद्दे पर ललन सिंह ने ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की बातें कही हैं.